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PM मोदी बोले- संसद हमले को कभी नहीं भूलेंगे, ओम बिरला ने किया 'दी शौर्य अनबाउंड' किताब का विमोचन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 'दी शौर्य अनबाउंड' नामक पुस्तक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया. जिसमें, उन वीरों की शौर्यगाथाएं शामिल हैं, जिन्होंने 2001 में हुए संसद हमले को विफल करने में अनुकरणीय वीरता का परिचय दिया था.

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संसद हमले की 19वीं बरसी (फ़ोटो- आज तक)
संसद हमले की 19वीं बरसी (फ़ोटो- आज तक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संसद पर हुए हमले की आज 19वीं बरसी
  • ओम बिरला ने किया 'दी शौर्य अनबाउंड' किताब का विमोचन
  • PM मोदी बोले- संसद हमले को कभी नहीं भूलेंगे

13 दिसंबर, भारतीय इतिहास की वो काली तारीख है जब आतंकियों ने साल 2001 में संसद भवन पर हमला (Parliament attack) किया था. संसद पर हुए हमले की आज 19वीं बरसी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने उनके बलिदान और वीरता को याद किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'हम 2001 में हुए अपनी संसद पर कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे. हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई. भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा.'

आज उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री, मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में देश ने 13 दिसंबर, 2001 को आतंकवादी हमले से संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. 

श्रद्धांजलि देने वाले लोगों में केन्द्रीय मंत्री, संसद के वर्तमान और पूर्व सदस्य व अन्य विशिष्टजन शामिल थे. लोकसभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव देश दीपक वर्मा ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 'दी शौर्य अनबाउंड' नामक पुस्तक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया, जिसमें उन वीरों की शौर्यगाथाएं शामिल हैं, जिन्होंने 2001 में हुए संसद हमले को विफल करने में अनुकरणीय वीरता का परिचय दिया था. 

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डीआईजी सीआरपीएफ नीतू और बी एम दिनाकरन (डीआईजी सीआरपीएफ) इस पुस्तक के लेखक हैं. यह पुस्तक केवल ऑपरेशन की कार्रवाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन वीरों के व्यक्तिगत जीवन और भावनाओं तक पहुँचती हैं. 

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बता दें कि साल 2001 में इसी दिन राज्यसभा सचिवालय के सुरक्षा सहायक, जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी (के.रि.पु.ब. में कांस्टेबल), कमलेश कुमारी (दिल्ली पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक), नानक चंद और रामपाल (दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल), ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम (के.लो.नि.वि. में माली) और देशराज ने आतंकवादी हमले से संसद की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया था. जगदीश प्रसाद यादव, मातबर सिंह नेगी और कमलेश कुमारी के निःस्वार्थ बलिदान के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से अलंकृत किया गया था. नानक चंद, रामपाल, ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से अलंकृत किया गया था. देश अपने इन वीरों को कभी नहीं भूलेगा. 

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