केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बयान दिया था कि दिल्ली में पराली की वजह से सिर्फ चार फीसदी प्रदूषण होता है. उनके इस बयान पर विवाद भी हुआ. वहीं, अब केंद्रीय मंत्री ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके कहने का मतलब था कि पराली का चार फीसदी प्रदूषण इस हफ्ते का है. दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी चालीस फीसदी तक है.
इससे पहले प्रकाश जावड़ेकर ने बयान दिया था कि दिल्ली में पराली की वजह से सिर्फ चार फीसदी प्रदूषण होता है, बाकि प्रदूषण यहां की ही लोकल समस्याओं के कारण होता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में बायोमास जलती है. ये सभी कारक मिलकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण संकट में योगदान करते हैं.
उनके इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि बार-बार इनकार करने से कुछ नहीं होगा. अगर पराली जलने से सिर्फ चार फीसदी प्रदूषण हो रहा है तो फिर अचानक रात में ही कैसे प्रदूषण फैल गया? उससे पहले तो हवा साफ थी. यही कहानी हर साल होती है. कुछ ही दिनों में दिल्ली में प्रदूषण को लेकर ऐसा कोई उछाल नहीं हुआ है?
गौरतलब है कि हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली में धुंध की समस्या शुरू हो गई है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के इलाकों में अब पराली जलना शुरू हो गई है, जिसके कारण धुंध इकट्ठा हो रही है. सरकार के ही आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 280% का इजाफा हुआ है. पिछले साल पंजाब में 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक 775 पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं जो इस साल इसी अवधि में 2,873 तक पहुंच गई हैं.