लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस समेत समूचे विपक्षी दलों पर तीखी हमला बोला. केंद्रीय मंत्री ने चुनावों में लगातार विपक्षी दलों के हार के कारण भी गिनाए हैं. उन्होंने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि 2014 के बाद हारने की परंपरा शुरू हुई. चुनावों में हार के बाद इन्होंने सबसे पहले ईवीएम को निशाना बनाया.
अमित शाह ने सदन को संबोधित करते हुए सवाल किया कि मैं पूछना चाहता हूं कि ईवीएम कौन लेकर आया? 15 मार्च 1989 को जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, तब ईवीएम लाने का कानूनी बदलाव किया गया था. अब ये लोग राजीव जी के ईवीएम के कानून का विरोध कर रहे हैं.
गृह मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी जिक्र किया, जब कोर्ट की पांच जजों वाली पीठ ने 2002 में ईवीएम के कानूनी बदलाव को उचित ठहराया. फिर चुनाव आयोग ने दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान की 16 विधानसभा में इसका ट्रायल लिया गया. सभी ट्रायल के बाद साल 2004 में पूरे देश में ईवीएम से चुनाव कराया गया.
'हार गए तो रोते हैं...'
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून आप लाए और कई चुनाव आपने जीत लिए. मौज से दस सालों तक राज किया और 2014 में हार गए तो रोते हैं.
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस ने चुनाव आयोग को चुनाव सुधार के लिए कोई भी प्रपोजल नहीं दिया है.
'हम इस लिए जीते चुनाव'
बीजेपी नेता कि कहा, 'हमको इन से लड़ते-लड़ते आए हैं और ये कहते हैं कि हम वोट चोरी से जीते हैं, लेकिन मैं बता दूं, आपने सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया, एयर स्ट्राइक का विरोध किया, आर्टिकल 370 हटाने का विरोध किया, आपने राम मंदिर बनाने का विरोध किया, आपने घुसपैठियों को हटाने का विरोध किया, सीएए का विरोध किया, आपने तीन तलाक हटाने का विरोध किया, इसलिए हम जीते हैं.'
गृह मंत्री ने अंत में कहा कि आप वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध कर रहे हो, इस लिए हम फिर से जीतने वाले हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 करोड़ गरीब के घरों में राशन, गैस, पानी, शौचालय पहुंचाया और 5 लाख तक की दवाइयां मुफ्त कर दीं. क्या समझते हैं वोट चोरी कर-कर जीते हैं.