जुलाई महीने की आखिरी तारीख़ को महाराष्ट्र के पालघर से एक सनसनीखेज़ घटना सामने आई. रेलवे सुरक्षा बल यानी RPF के एक जवान ने चलती ट्रेन में एक ASI समेत चार लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया. ये ट्रेन जयपुर से मुंबई जा रही थी और शूटआउट को अंजाम देने वाला जवान चेतन सिंह एस्कॉर्ट पार्टी का हिस्सा था. लंबी दूरी की ट्रेनों में सुरक्षा के लिहाज से RPF एक अफसर और तीन जवानों की एस्कॉर्ट ड्यूटी लगाता है, जो ट्रेन के साथ ही यात्रा करते हैं. इस मामले में RPF जवान घनश्याम आचार्य, कांस्टेबल नरेंद्र परमार, आरोपी चेतन सिंह और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर टीकाराम मीना सुपरफास्ट ट्रेन में तैनात थे. लेकिन चेतन सिंह ने बीच रास्ते में ही अपनी सर्विस गन AKM से फायरिंग की. जिसमें ASI टीकाराम मीना के अलावा तीन पैसेंजर्स की जान चली गई. घटना के बाद RPF ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. पूरा सीक्वेंस ऑफ़ इवेंट क्या रहा, शूटआउट की जांच में पुलिस को क्या दिक़्क़तें हो रही हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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31 अक्टूबर, 1984 का सूरज भारत के लिए एक स्याह सवेरा लेकर आया. सुबह के साढ़े 9 बज रहे थे. दिल्ली के 1 अकबर रोड पर प्रधानमंत्री ऑफिस हुआ करता था और इसके गेट पर भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी गई. इंदिरा गाँधी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाला कोई और नहीं, उनके दो सिख बॉडी गार्ड्स ही थे. शाम तक प्रधानमंत्री की हत्या की ख़बर जंगल में आग की तरह फैल गई और उसके अगले दिन दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क गए. ऑफिसियल आंकड़ों के मुताबिक, इन दंगों में क़रीब तीन हज़ार लोगों की मौत हुई थी.
इस मामले में साल 2000 में नानावटी कमिशन बनाया गया था. पांच साल बाद इस कमिशन ने अपनी रिपोर्ट दी थी. जिसमें सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर जैसे कांग्रेस के पॉलिटिशियन्स के शामिल होने के संकेत दिए थे. इस घटना में दर्ज 214 FIRs में से 4 मामलों के लिए कमिशन ने CBI जांच की सिफारिश की थी. इनमें एकउत्तरी दिल्ली के पुलबंगश गुरुद्वारे में आग लगाए जाने का केस भी शामिल था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी.
CBI ने इस मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या, भीड़ को उकसाने और दंगा भड़काने के आरोप लगाए हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि जगदीश टाइटलर के उकसाने के बाद भीड़ ने पुल बंगश गुरुद्वारे में आग लगाई थी. इसलिए उनके ऊपर IPC की धारा 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार से लैस) और 149 (अवैध जनसभा), 153A (समूहों के बीच शत्रुता भड़काने), 109 (अपराध के लिए उकसाने), 302 (हत्या), 295 (उपासना स्थल को नुकसान) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले हफ़्ते उन्हें सम्मन जारी करते हुए 5 अगस्त को पेश होने कहा था. टाइटलर ने कल इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट में आज सुनवाई होगी. तो 1984 के सिखविरोधी दंगों को लेकर क्या जगदीश टाइटलर फंसते हुए नज़र आ रहे हैं, क्या कांग्रेस ने भी अब उनसे किनारा कर लिया है और ये कहा जा सकता है कि जगदीश टाइटलर का राजनीतिक रसूख अब ख़त्म हो चुका है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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कल देर रात तक चले तीसरे वनडे मैच में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज़ को धोबीपछाड़ दे दिया. 200 रनों के भारी भरकम अंतर से ये मैच जीतकर इंडिया ने दूसरे मैच की हार का बदला भी ले लिया. टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी इंडियन टीम में एक बार फिर रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर प्लेयर्स नहीं दिखे. बावजूद इसके टीम ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवरों में 5 विकेट खोकर 351 रन का स्कोर खड़ा कर दिया. शुभमन गिल ने सबसे ज़्यादा 85 रन बनाए. वहीं ईशान किशन ने लगातार तीसरी हाफ सेंचुरी जड़ दी. संजू सैमसन और हार्दिक पंड्या के बल्ले से भी रन बरसे और इन दोनों खिलाड़ियों ने अर्धशतक जमाया. विंडीज़ के लिए यह टारगेट पहाड़ साबित हुआ और कैरिबियाई टीम 36वें ओवर में 151 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई. इंडिया की तरफ से शार्दुल ठाकुर ने चार और मुकेश कुमार ने तीन विकेट चटकाकर वेस्टइंडीज़ का बोरिया बिस्तर बांध दिया. शुभमन गिल को प्लेयर ऑफ़ द मैच और ईशान किशन को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ चुना गया. तो इस मैच और इस पूरी सीरीज़ में टीम इंडिया के लिए क्या पॉजिटिव्स रहे, वर्ल्ड कप के प्रिपरेशन के हिसाब से जिन सवालों के जवाब टीम मैनेजमेंट ढूंढ रही थी, उनमें कितनी क़ामयाबी मिली है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.