भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया के सर्वाधिक बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. हमारे देश में करीब साढ़े बारह हजार से अधिक ट्रेनें चलती हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों को आपस में जोड़ने का काम करती हैं. इन ट्रेनों को समयबद्ध तरीके के साथ-साथ सुरक्षित चलाने के लिए भारतीय रेलवे समय-समय पर तकनीकी बदलाव करता रहता है और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करता रहता है. इसी क्रम में भारतीय रेलवे तमाम स्टेशनों पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिस्टम डेवलप कर रहा है, ताकि ट्रेनों को पहले से ज्यादा सुरक्षित और समयबद्ध तरीके से चलाया जा सके.
आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने की कड़ी में पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के कुल 494 स्टेशनों में से अब तक 162 स्टेशनों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से लैस किया जा चुका है. इस रूट के अन्य स्टेशनों पर भी ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जो पूर्व मध्य रेल के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर लाइन क्षमता को बढ़ाते हुए और अधिक ट्रेनों के परिचालन में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली में (Automatic Block Signaling System) काफी मददगार होगा.
मिशन रफ्तार के तहत पूर्व मध्य रेल के कई रेलखंडों को ऑटोमेटिक ब्लॉक सिस्टम से लैस करने के लिए वर्तमान में यह प्रणाली प्रारंभिक चरण में है. इन स्टेशनों पर अभी परंपरागत तरीके से ब्लॉक सिस्टम का संचालन हो रहा है जिसे एब्सल्यूट ब्लॉक सिस्टम कहते हैं. इस तरह के ब्लॉक सिस्टम में एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है, जिससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है. लेकिन ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम स्थापित हो जाने के बाद ट्रेनों का परिचालन और भी बेहतर हो पाएगा.
इस रेल रूट पर लगेगा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम
पूर्व मध्य रेल के छपरा-हाजीपुर- बछवारा-बरौनी-कटिहार (316 किमी) रेलखंड, बरौनी-दिनकर ग्राम सिमरिया (06 किमी), समस्तीपुर- बेगूसराय (68 किमी), पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, मानपुर (214 किमी), मानपुर-प्रधानखंटा (203 किमी) रेलखंडों पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली लगाए जाने की योजना है. इन रेलखंडों में से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं.-मानपुर (214 किमी) तथा मानपुर-प्रधानखंटा (203 किमी) रेलखंड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ 'कवच' प्रणाली से भी युक्त किया जाएगा.
इससे ट्रेनों के आवागमन में काफी आसानी होने के साथ ही यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. गौरतलब है कि 'कवच' प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन एवं लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई हेतु सचेत करने, साइड-टक्कर, आमने-सामने की टक्कर एवं पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में सक्षम है.