गुजरात में भूपेंद्र पटेल की सरकार का मंत्रीमंडल का हुआ पुनर्गठन, हर्ष संघवी और रविबा जडेजा ने ली शपथ (Photo: Youtube/@BJPGujarat) Gujarat Cabinet Expansion News: गुजरात में आज मंत्रिमंडल का बड़ा विस्तार हुआ है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम का आयोजन गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ. हर्ष संघवी को डिप्टी सीएम बनाया गया है.
शुक्रवार को कुल 19 मंत्रियों ने शपथ लिया है. खास बात रही कि छह पुराने चेहरों को भी कैबिनेट 2.0 में जगह दी गई है.
त्रिकम छंग, स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीण माली, पीसी बरंडा, दर्शन वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, अर्जुन मोढवाडिया, प्रद्युम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, जीतेंद्रभाई वाघानी, रमनभाई सोलंकी, कमलेशभाई पटेल, संजय सिंह महिदा, रमेशभाई कटारा, प्रफुल्ल पंसेरिया, मनीषा वकील, ईश्वरसिंह पटेल, डॉ. जयरामभाई गामित, नरेशभाई पटेल, वे नए नेता हैं जिन्हें आज मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
पुराने चेहरे जिन्हें जगह मिली है उनके नाम - ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, प्रफुल्ल पनसेरिया, परषोत्तम सोलंकी और हर्ष संघवी हैं.
इस बड़े फेरबदल में खासतौर से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा गया. विभिन्न इलाकों से कैबिनेट और राज्य मंत्रियों का चयन श्रेणीबद्ध तरीके से किया गया.
कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं को बीजेपी में शामिल होने के बाद मंत्री बनने का मौका मिला है. यह मंत्रिमंडल विस्तार 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है, जिसमें नई ऊर्जा लाने और पार्टी संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य है. यह बड़ा राजनीतिक फेरबदल गुजरात में बीजेपी की पकड़ मजबूत करने के लिए किया गया. इसके साथ ही, युवाओं को ज्यादा जिम्मेदारी देकर पार्टी को और मजबूती दी गई. इस तरह की टीम में बदलाव से सरकार के कामकाज में नयापन आएगा और पार्टी भविष्य के लिए बेहतर रणनीति बना पाएगी.
रिवाबा जडेजा को भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट 2.0 में जगह मिली है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें शपथ दिलाई है. रिवाबा के शपथग्रहण की तस्वीरों को देखिए.


हर्ष संघवी ने गुजरात के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लिया है. शपथग्रहण की तस्वीरों को आप नीचे देख सकते हैं.



डॉ. प्रद्युम्न वाजा को भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट 2.0 में जगह मिली है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें शपथ दिलाई है. वाजा कोडिनार सीट से विधायक हैं.

अर्जुन मोढवाडिया को भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट में जगह मिली है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें शपथ दिलाई है.

जीतेंद्रभाई वघानी ने शपथ लिया. वह पाटीदार समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. भावनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

हर्ष संघवी ने मंत्री पद की शपथ ली है. उन्हें प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें शपथ दिलाई है.

नए मंत्रिमंडल में प्रदेश के सभी इलाकों से संतुलन रखा गया है. सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र से 9 मंत्री. मध्य गुजरात से 6 मंत्री. दक्षिण गुजरात से 5 मंत्री. उत्तर गुजरात से 4 मंत्री और अहमदाबाद से दर्शन वाघेला मंत्री.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात में नए मंत्रिमंडल के गठन में सभी प्रमुख समुदायों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व दिया गया है.
पाटीदार समुदाय से 6 मंत्री शामिल किए गए — कौशिक वेकरिया, प्रफुल पानसेरीया, कांति अमृतिया, ऋषिकेश पटेल, जीतूभाई वाघाणी और कमलेश पटेल.
अनुसूचित जाति से 3 मंत्री बनाए गए — मनीषा वकील, प्रद्युम्न वाजा और दर्शन वाघेला.
आदिवासी समुदाय से 4 मंत्री — रमेश कटारा, पी.सी. बरंडा, जयराम गामित और नरेश पटेल को स्थान मिला है.
क्षत्रिय समाज से 2 मंत्री बनाए गए — रिवाबा जाडेजा और संजयसिंह महिडा.
ओबीसी समुदाय से 8 मंत्री — कुंवरजी बावलिया, अर्जुन मोढवाडिया, परसोत्तम सोलंकी, त्रिकम छांगा, प्रवीण माली, स्वरूपजी ठाकोर, ईश्वरसिंह पटेल और रमन सोलंकी.
ब्राह्मण समुदाय से कनुभाई देसाई को मंत्री पद दिया गया, जबकि जैन (लघुमति) समुदाय से हर्ष संघवी को कैबिनेट में स्थान मिला है.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात विधानसभा की मौजूदा स्थिति कि बात करें तो बीजेपी के पास 156, कांग्रेस के पास 17 और आम आदमी पार्टी के पास 5 सीट हैं.

वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र पटेल ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि गुजरात में दो साल बाद फिर से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और राजनीति में समय-समय पर एक “रिफ्रेश सिस्टम” लागू होना जरूरी होता है.
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल वर्तमान में राज्य के सबसे लोकप्रिय और निष्पक्ष नेता हैं. उनके खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत नहीं है. जहां भी वे जाते हैं, जनता उन्हें सम्मान और अपनापन देती है.
देवेंद्र पटेल ने कहा कि भूपेंद्र पटेल की टीम ने अब तक अच्छा काम किया है. प्रशासनिक दृष्टि से भी सरकार ने कई क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजनीतिक दृष्टि से आने वाले चुनावों को देखते हुए कुछ जातीय और सामाजिक समीकरणों को संतुलित करने की आवश्यकता महसूस की गई.
उन्होंने बताया कि गुजरात में कुछ समुदायों और इलाकों में यह धारणा बन रही थी कि उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा. विशेषकर ट्राइबल क्षेत्रों और कुछ सामाजिक समूहों में असंतोष था.
पटेल ने कहा, “अब सरकार ने समय रहते इन समीकरणों को समझकर उन्हें ठीक करने का प्रयास किया है. यह जरूरी था ताकि सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व मिले और आगामी चुनाव में संतुलन कायम रहे.”
वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा कि भूपेंद्र भाई पटेल की लोकप्रियता और साख बरकरार है. वे संगठन और जनता, दोनों के बीच भरोसेमंद चेहरा बने हुए हैं. उन्होंने कहा, “भूपेंद्र भाई सबसे लोकप्रिय और आज़ाद चरित्र के मुख्यमंत्री हैं. उनके नेतृत्व में सरकार का कामकाज पारदर्शी और जनता-केंद्रित रहा है.”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आजतक से बातचीत में राज्य की सियासी गतिविधियों और मंत्रिमंडल फेरबदल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. तिवारी ने इसे जनता को धोखा देने वाला बताया और आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया भाजपा का तैयार किया हुआ “फॉर्मूला” है.
तिवारी ने कहा, “चार साल राज करो, उसी मंत्र से टिके रहो और जब जनता की नजर में यह स्पष्ट हो जाए कि कुछ नहीं हुआ, कुछ हासिल नहीं हुआ, तो अचानक मंत्रिपरिषद बदल दी जाती है. इसका मतलब क्या है? यह जनता को गुमराह करने की ही चाल है.”
वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र पटेल ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की राजनीति में समय-समय पर "रिफ्रेश सिस्टम" होती रहती है. उन्होंने कहा कि दो साल बाद चुनाव आने वाले हैं, और ऐसे वक्त पर बदलाव स्वाभाविक है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल सबसे लोकप्रिय और आज़ाद चरित्र वाले गुजरात में नेता हैं. उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. जहां भी वे जाते हैं, लोग उनका सम्मान करते हैं. उनकी टीम अच्छी तरह से काम कर रही थी. सरकार में कोई बड़ी नाराज़गी नहीं दिखी. लेकिन एक और कारण है कि गुजरात में दो साल बाद फिर से विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. गुजरात में कुछ जातियों को लगता था कि उनके साथ अन्याय हुआ है. कुछ ट्राइबल इलाकों में भी यह भावना थी कि उनकी हिस्सेदारी कम है. अब जातीय समीकरणों को समझकर उन्हें ठीक-ठाक किया गया है.

राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ झलकता है कि राज्य सरकार के कामकाज से केंद्र स्तर पर असंतोष है. आज की तारीख में गुजरात की सरकार को लेकर अंदरूनी नाराजगी की बातें सामने आ रही हैं. नरेंद्र मोदी, जो खुद गुजरात से आते हैं और प्रधानमंत्री हैं, उनकी निगाहें लगातार राज्य की राजनीति पर बनी रहती हैं. भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री जरूर हैं, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि उनकी राय को बहुत ज्यादा महत्व दिया जा रहा है.
गुजरात में भूपेंद्र पटेल कैबिनेट का पुनर्गठन में छह पुराने चेहरों को शामिल किया गया है. जिन लोगों को शामिल किया गया है - ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलीया, प्रफुल पानसेरीया, परसोत्तंभाई ओधवजीभाई सोलंकी और हर्ष संघवी हैं.






रिवाबा जडेजा गुजरात की सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं. वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्य हैं और 8 दिसंबर 2022 को जामनगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बनीं. उनका जन्म 2 नवंबर 1990 को राजकोट में हुआ था. रिवाबा ने गुजरात टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है.
2019 में उन्होंने बीजेपी में ज्वाइन किया, इससे पहले वे करणी सेना की महिला शाखा की प्रमुख थीं. वे भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी भी हैं. राजनीति में आने से पहले रिवाबा महिला सशक्तिकरण और समाज सेवा के लिए काम करती थीं. उन्होंने ‘श्री मातृशक्ति चैरिटीबल ट्रस्ट’ नाम का एनजीओ भी शुरू किया है.
अपने चुनाव प्रचार में रिवाबा ने जामनगर को स्मार्ट सिटी बनाने और महिलाओं के लिए सुरक्षित और सशक्त वातावरण बनाने पर खास जोर दिया. उनके राजनीतिक करियर के मुख्य मुद्दे महिलाओं का सशक्तिकरण, शिक्षा और रोजगार हैं.
रिकम छांगा, स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीण माली, ऋषिकेश पटेल, पी.सी. बरंडा, दर्शना वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, कुंवरजीभाई बावलिया, रिवाबा जडेजा, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ. प्रद्युम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, परषोत्तमभाई सोलंकी, जीतेन्द्रभाई वाघाणी, रमणभाई सोलंकी, कमलेशभाई पटेल, संजय सिंह महीडा, रमेशभाई कटारा, प्रफुल पानसेरिया, हर्ष संघवी, मनीषा वकील और ईश्वर सिंह पटेल आज मंत्री पद की शपथ लेंगे.
गुजरात के 11 पुराने मंत्रियों की छुट्टी हो गई है. केवल छह पुराने चेहरों को नए मंत्रीमंडल में जगह दी जा रही है.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात में भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली सरकार में फेरबदल के पीछे क्या कारण है, इसे समझने के लिए आप यह स्टोरी पढ़ सकते हैं - गुजरात में बीजेपी की सियासी सर्जरी या प्रयोग? चुनावी साल में क्यों बदल गई पूरी कैबिनेट, 5 पॉइंट्स
गुजरात में बीते ग्यारह सालों में अचानक से तीन बार फेरबदल किए गए हैं. आनंदीबेन पटेल ने 2016 में अचानक इस्तीफा दे दिया था. वजह पाटीदार आरक्षण आंदोलन बताई गई थी. इसके बाद विजय रूपाणी ने 2021 में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 2021 में भूपेंद्र पटेल को छोड़कर पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था.
गुजरात में भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट विस्तार में अब कुछ ही समय बचा हुआ है. अगले आधे घंटे बाद शपथग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत होगी. मिली जानकारी के अनुसार 25 मंत्री शपथ लेने वाले हैं.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
BJP सांसद मयंक नायक ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि गुजरात सरकार जनता के लिए काम कर रही है. अब पूर्ण क़द का मंत्रीमंडल बनने जा रहा है जो कि जनता के विकास के लिए काम करेगी. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए ये आरोप लगा रहा है, जनता मे कोई नाराजगी नहीं है. साथ ही विधायकों में भी कोई नाराजगी नहीं है.

इनपुट: ब्रिजेश दोशी
भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट में जो मंत्री शपथ लेंगे उनके नाम सामने आ गए हैं. जीतुभाई वाघानी, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ प्रद्युम्न वाजा, नरेश पटेल, रीवाबा जडेजा, प्रवीण माली, कांतिभाई अमृतिया, दर्शना वाघेला, कौशिक वेकरिया, रमेश कटारा और त्रिकम छांगा शपथ लेंगे.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार के तहत नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में BJP विधायक लविंगजी ठाकोर ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस समारोह का निमंत्रण मिला है और वे वहां शामिल होने के लिए बहुत खुश हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने पहले भी कई बार क्षत्रिय समुदाय के लोगों को मंत्री बनाया है और आज भी ऐसा ही होगा. चाहे जो भी मंत्री बने, वह पूरी तरह से खुश हैं और उनका भरा विश्वास बीजेपी पर है, क्योंकि वे मानते हैं कि बीजेपी हर समुदाय का समान सम्मान करती है.

इनपुट: एएनआई
भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट विस्तार को लेकर गांधीनगर के महात्मा मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. तस्वीरों में आप देख सकते हैं.


गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे अर्जुन मोधवाडिया बनेंगे मंत्री. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अर्जुन से फ़ोन पर बातचीत की है.
अर्जुन मोधवाडिया गुजरात के पुराने राजनीतिक चेहरे हैं. उन्होंने करीब 40 साल कांग्रेस पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाई. वे गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष भी रह चुके हैं. पोरबंदर से तीन बार विधायक चुने गए और 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की. उन्होंने मेकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और अपना राजनीतिक सफर ग्राम स्तर से शुरू किया था.
मार्च 2024 में, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पहले मोधवाडिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास एजेंडा पर काम करने का भरोसा जताया.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की है. गुजरात कैबिनेट के शपथ ग्रहण की तैयारियां महात्मा मंदिर में चल रही हैं.
मंत्री पद की रेस में तीन महिलाओं का नाम आगे चल रहा है. रिवाबा जाडेजा, संगीता पाटिल और दर्शिता शाह के नाम पर चर्चा हो रही है.
गुजरात में आज होने वाला कैबिनेट विस्तार एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नई टीम के साथ राज्य सरकार को और मजबूती देना चाहते हैं. यह कदम खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत लिया जा रहा है, ताकि सरकार में नई ऊर्जा, विचार और नेतृत्व शामिल किया जा सके. नए मंत्रियों को कैबिनेट में जगह देकर पार्टी क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक संतुलन बनाएगी, जिससे सभी वर्गों का पूरा प्रतिनिधित्व होगा.
यह बदलाव पुराने मंत्रियों को हटाकर युवा नेताओं को मौका देने का भी मौका है, जो सरकार की कामकाजी शक्ति बढ़ाएगा. साथ ही, यह पार्टी की स्थिति को और मजबूत बनाएगा और जनता से जुड़ाव को बेहतर बनाएगा. इस तरह का आयोजन गुजरात की राजनीति में स्थिरता और विकास को आगे बढ़ाने का संकेत है. यह ना सिर्फ राजनीतिक दल के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए भी एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है.
गुजरात में जिन मंत्रियों को दोबारा मौका मिलने वाला है उनके नाम - ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलीया और प्रफुल पानसेरीया है. इनको ख़ुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने फ़ोन पर बातचीत कर जानकारी दी है.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात में भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट में फेरबदल के पीछे 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को मुख्य वजह माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आलाकमान कैबिनेट से संतुष्ट नहीं थी. जब भी प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर की शुरुआत होती है तो काफी फेरबदल किया जाते हैं. आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी की सरकार में भी ऐसा कुछ देखने को मिला था. बीते तीन सालों में सरकार में कोई बदलाव नहीं किया गया था. अब फेरबदल किया जा रहा है ताकि 2027 चुनाव में ज्यादा असर डाल सकें.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 13 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री बने थे. वे गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद पार्टी ने भूपेंद्र पटेल को नेतृत्व सौंपा. 2022 के विधानसभा चुनावों में भूपेंद्र पटेल ने फिर से जीत हासिल कर दूसरा कार्यकाल शुरू किया.
उनका राजनीतिक सफर नगर पालिका सदस्य के रूप में शुरू हुआ था. वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं और अहमदाबाद के घाटलोडिया क्षेत्र से विधायक हैं. उनके मंत्रिमंडल में लगभग 16 मंत्री शामिल थे, जिनमें कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री दोनों थे. मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विभाग खुद संभाले हुए हैं, जिनमें गृह, राजस्व, शहरी विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और आपदा प्रबंधन शामिल हैं.
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सदस्य हैं और संविधान के तहत सबसे अधिक 27 मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं, जो सदन की कुल संख्या का 15 फीसदी है. इस महीने की शुरुआत में गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष बने जगदीश विश्वकर्मा, जो पहले केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की जगह आए थे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की 'एक व्यक्ति, एक पद' नीति के चलते इस बार जगदीश विश्वकर्मा को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया जाएगा. इसका मतलब है कि जगदीश विश्वकर्मा अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे, लेकिन मंत्री पद उनके हिस्से में नहीं आएगा.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ नेताओं को फिर मौका मिल सकता है. इनमें ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, बलवंतसिंह राजपूत, हर्ष संघवी और प्रफुल्ल पनसेरिया शामिल हैं.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
जीतूभाई वाघानी, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ. प्रद्युम्न वाजा, नरेश पटेल, रिवाबा जडेजा, अल्पेश ठाकोर, प्रवीण माली, अनिरुद्ध दवे/अमित ठाकर, रमेश सोलंकी, उदय कानगढ़, जयराम गावित, पीसी बरंडा, कांतिभाई अमृतिया और दर्शना वाघेला को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
इनपुट: ब्रिजेश दोशी
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल थोड़ी देर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाक़ात करेंगे. यह मुलाक़ात कैबिनेट विस्तार को लेकर है.