
ठंड के दस्तक के साथ दिल्ली-एनसीआर एक फिर से गैस चैंबर बन गया है. प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुका है.
हर साल की तरह इस बार भी सरकार की प्रदूषण नियंत्रण नीतियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कुछ रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि प्रदूषण के आंकड़ों को कम दिखाने के लिए कई जगहों पर सेंसरों के आसपास पानी का छिड़काव या कृत्रिम सफाई की जाती है, जिससे वास्तविक प्रदूषण स्तर छिप जाता है.
दिल्ली के आनंद विहार में AQI 332, चांदनी चौक में 354, अशोक विहार में 322, और ITO पर 337 दर्ज किया गया है. वहीं, एनसीआर क्षेत्र में नोएडा के सेक्टर 125 में 292, सेक्टर 62 में 279, और सेक्टर 1 में 275 रिकॉर्ड किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है.
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली का वायु संकट अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही की परीक्षा बन चुका है. जनता जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है, जबकि सरकारी कदम न के बराबर दिखाई दे रहे हैं.

क्या है दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों की हालत?
अक्षरधाम इलाके के आसपास की हवा भी जहरीली हो चुकी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 329 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
लोदी रोड, AIIMS और सफदरजंग अस्पताल के आसपास की हवा की गुणवत्ता में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इन इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 222 दर्ज किया गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है.
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कर्तव्य पथ पर सुबह टहलने निकले लोग अब प्रदूषण के असर को महसूस कर रहे हैं. सुबह सैर पर निकले श्रीकृष्ण ने कहा, “पिछले दो-तीन दिनों में ठंड बढ़ी है और तापमान गिरने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है. अब स्थिति इतनी खराब है कि इसे युद्धस्तर पर नियंत्रित करने की जरूरत है.”
दिल्ली में प्रदूषण का असर अब सुबह की सैर और साइक्लिंग करने वालों पर साफ दिखने लगा है. कर्तव्य पथ पर साइक्लिंग कर रहे प्रदीप तिवारी ने कहा कि हवा की स्थिति हर दिन बदलती है, लेकिन समाधान अब तक नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, “मैं रोज साइक्लिंग करता हूं. कुछ दिन हवा थोड़ी साफ रहती है, लेकिन फिर अचानक बहुत खराब हो जाती है. कल स्थिति थोड़ी बेहतर थी, लेकिन आज फिर हवा बेहद प्रदूषित है. मेरी आंखों में पानी आ रहा है और जलन महसूस हो रही है.”
प्रदीप तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं रही. उन्होंने कहा, “इसके लिए किसान भी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं, लेकिन जनता भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. सरकार अपना काम करेगी, पर असली बदलाव तभी आएगा जब लोग खुद जागरूक होंगे.” उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि जितना हो सके मास्क पहनें, अपनी सेहत का ख्याल रखें, क्योंकि यह हवा “न तो हमारे लिए अच्छी है और न ही किसी और के लिए.”