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...जब धमाके के बीच भी खामेनेई ने जारी रखी थी तकरीर, आज दोहराएंगे 39 साल पुराना इतिहास

साल 2020 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब खामेनेई जुमे के दिन तकरीर करने जा रहे हैं. लेकिन उनकी इस तकरीर पर इजरायली हमले के बादल मंडरा रहे हैं, जो एक बार फिर 1985 के धमाके की याद दिला रहे हैं.

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अयातुल्लाह अली खामेनेई (फाइल फोटो)
अयातुल्लाह अली खामेनेई (फाइल फोटो)

ईरान और हिज्बुल्लाह के लिए जुमे के इस दिन के बहुत मायने हैं. इजरायली हमले में मारे गए हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई जुमे की नमाज की अगुवाई करेंगे और पांच साल में पहली बार तकरीर (Sermon) करेंगे.

साल 2020 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब खामेनेई जुमे के दिन तकरीर करने जा रहे हैं. लेकिन उनकी इस तकरीर पर इजरायली हमले के बादल मंडरा रहे हैं, जो एक बार फिर 1985 के धमाके की याद दिला रहे हैं.

दरअसर 1985 में तेहरान में जुमे की नमाज के दौरान तेहरान में खामेनेई की तकरीर के दौरान भयावह ब्लास्ट हुआ था. लेकिन इस व्यवधान के बावजूद खामेनेई ने अपनी तकरीर जारी रखी. लेकिन अब 39 साल बाद एक बार फिर जुमे के दिन खामेनेई की तकरीर पर इजरायली हमले की आशंका है.

39 साल पहले 1985 को क्या हुआ था?

15 मार्च 1985 को तेहरान यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपति अयातुल्ला अली खामेनेई की अगुवाई में जुमे की नमाज पर आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में खामेनेई बाल-बाल बच गए थे लेकिन कुछ लोगों की मौत हुई थी. 

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तेहरान में कमर पर विस्फोटक पेटी बांधकर एक शख्स उस जगह पहुंच गया था, जहां राष्ट्रपति खामेनेई की अगुवाई में जुमे की नमाज हो रही थी. इस हमले में हमलावर मारा गया लेकिन खामेनेई बाल-बाल बच गए. लेकिन खामेनेई रुके नहीं. उन्होंने थोड़े व्यवधान के बाद दोबारा अपना संबोधन शुरू किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले से कुछ मिनट पहले ही तेहरान के कई हिस्सों में धमाकों की आवाज सुनी गई थी.

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