जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भारतीय सेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है. बताया जा रहा है कि इस हेलिकॉप्टर में भारतीय सेना के तीन अधिकारी सवार थे. रेस्क्यू के लिए टीमों को घटनास्थल पर रवाना कर दिया गया है. अभी तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.
बताया जा रहा है कि जहां ये हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, वो किश्तवाड़ का काफी दुर्गम इलाका है. यहां बीते दो-तीन दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही थी. सेना के तीन अधिकारी हेलिकॉप्टर पर जा रहे थे, यहीं पर हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है. हालांकि सेना की ओर से पता लगाया जा रहा है कि उनकी तबीयत कैसी है. इसके लिए रेस्क्यू की टीमों को रवाना कर दिया गया है. अभी तक उन अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है.
भारतीय सेना ने क्या बताया?
इस हादसे को लकेर सेना की ओर से बयान जारी कर दिया गया है. सेना ने अपने बयान में बताया, "4 मई को करीब 11 बजकर 15 बजे ऑपरेशनल मिशन पर निकले ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ क्षेत्र में मरुआ नदी के किनारे पर एहतियातन लैंडिंग की.
इनपुट के मुताबिक, पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को तकनीकी खराबी की सूचना दी थी और एहतियाती लैंडिंग के लिए आगे बढ़े. उबड़-खाबड़ जमीन, अंडरग्रोथ और बिना तैयारी के लैंडिंग क्षेत्र के कारण, हेलिकॉप्टर ने स्पष्ट रूप से एक कठिन लैंडिंग की.
इसको लेकर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और सेना की बचाव टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. विमान में दो पायलट और एक टेक्नीशियन सवार थे. तीनों घायल कर्मियों को उधमपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया है. इसकी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं.
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किस वजह से क्रैश हुआ हेलिकॉप्टर?
भारतीय सेना का ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर आखिर क्रैश कैसे हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि बताया जा रहा है कि इसके पीछे की एक वजह मौसम हो सकता है. दरअसल जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बीते कई दिनों से बादल छाए हुए हैं और बारिश भी हो रही है. इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मौसम की वजह से शायद ये हादसा हुआ है. हालांकि अबतक सेना की ओर से इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर में बैठ सकते हैं 12 जवान
गौरतलब है कि ध्रुव हेलिकॉप्टर को दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. इसकी लंबाई 52.1 फीट और ऊंचाई 16.4 फीट है. ध्रुव हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 291 किमी प्रति घंटा है. यह एक बार में 630 किमी तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें किसी तरह का हथियार फिलहाल नहीं लगाया गया है. लेकिन इसके ही प्लेटफॉर्म पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर बनाया गया है, जो हमलावर हेलिकॉप्टर है.
ALH ध्रुव के हादसे के बाद फिर उठ रहे सवाल
हाल ही में एक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद रक्षा बलों ने जांच रिपोर्ट आने तक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टरों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी. दरअसल, भारतीय तटरक्षक बल के साथ ही सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा ALH हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन हाल ही घटना को देखते हुए अब रक्षा बलों ने बड़ा फैसला किया था. ALH ध्रुव के इस हादसे को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि जब इसके परिचालन पर रोक लगा दी गई थी तो फिर जम्मू-कश्मीर में इसका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है.