ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के जख्म अभी हरे ही हैं कि महाराष्ट्र के अहमदनगर में होनी वाली एक अनहोनी ने सांसें फुला दी थीं. हालांकि समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और वक्त रहते करीब 600 पर्यटकों की जान बचा ली गई. अगर ये हादसा हो जाता तो बालासोर ट्रेन हादसे के दूसरे ही दिन बड़ी संख्या में लोगों की जान सकती थी. असल में अहमदनगर जिले में भंडारदरा बांध क्षेत्र में एशिया की दूसरी सबसे गहरी खाई है. इस खाई को देखने पर्यटक पहुंचते हैं.
भारी बारिश के कारण खाई में भर गया पानी
रविवार को भी 600 पर्यटक यहां पहुंचे हुए थे. दोपहर में हुई भारी बारिश के कारण खाई में पानी भर गया और पर्यटक फंस गए. सभी को वक्त रहते रेस्क्यू करके निकाला गया. भंडारदरा बांध क्षेत्र में एशिया की दूसरी सबसे गहरी खाई संधन दरी है. भंडारदरा बांध क्षेत्र में इस वक्त जुगनू महोत्सव चल रहा है. इस दौरान शनिवार-रविवार को छु्ट्टी का दिन होने के कारण यहां पर्यटकों की काफी भीड़ बढ़ गई थी.

खाई में फंसे थे 500 पर्यटकों
जानकारी के मुताबिक, इसी दौरान दोपहर दो बजे जब खाई में करीब 500-600 पर्यटक थे, उसी समय अचानक तेज हवा चली और भारी बारिश होने लगी. इसके कारण यहां खाई में पानी भर गया और पर्यटक फंस गए. सूचना मिलते ही वन विभाग सक्रिय हुआ और स्थानीय नागरिकों और गाइड की मदद से लोगों को रेस्क्यू किया गया. बारिश का जोर भी वक्त रहते कम हो गया, नहीं तो कई फीट गहरी और बड़े पत्थरों से भरी खाई में चल पाना भी मुश्किल था. अगर मदद नहीं मिलती और पानी बढ़ता रहता तो बालासोर रेल दुर्घटना जैसी एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. बताया गया कि संदन घाटी के नजदीक ही वन संरक्षक महिंद्रा पाटिल, डाइव, गश्त पर थे. उन्हें सूचना मिली कि संदन घाटी में लगभग 500 से 600 पर्यटक फंसे हुए हैं, तो वह तुरंत मदद के लिए दौड़े और स्थानीय नागरिकों की मदद से फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला. इस तरह ओडिशा ट्रेन हादसे के दूसरे ही दिन बड़ा हादसा होने से टल गया.
ओडिशा में सामान्य हुआ ट्रेनों का आवागमन
दूसरी तरफ बात करें ओडिशा ट्रेन हादसे की दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार को प्रभावित स्थल का रीस्टोरेशन पूरा कर लिया. रविवार रात रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ठीक किए गए ट्रैक पर मालगाड़ी को रवाना किया. इस दौरान उन्होंने हाथ जोड़ लिए. अफसरों ने बताया कि, बालासोर में जिस खंड में दुर्घटना हुई थी, वहां भीषण हादसे के 51 घंटे बाद पहली ट्रेन रविवार रात करीब 10.40 चलाकर देखी गई.
रेलमंत्री ने यहां से मालगाड़ी को रवाना किया. कोयला ले जाने वाली ये ट्रेन विजाग बंदरगाह से राउरकेला स्टील प्लांट की ओर जा रही है. ट्रेन ने उसी ट्रैक पर सफर किया, जिस पर शुक्रवार को बेंगलुरू-हावड़ा ट्रेन हादसे का शिकार हुई थी. इसे लेकर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया था कि, "डाउन लाइन पर काम पूरा, ट्रैक को किया गया बहाल. सेक्शन पर पहली ट्रेन चलाई गई." डाउनलाइन के ठीक होने के बमुश्किल दो घंटे बाद अपलाइन भी पूरी तरह आवाजाही के लिए तैयार हो गई.
इनपुटः प्रवीण ठाकरे