राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, जो 20 साल से अलग-अलग रास्तों पर थे, अब एक बार फिर मुंबई के वरली में एक मंच पर साथ आए हैं. उनका एक साथ आना महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर अनिवार्य करने के सरकार के आदेश के विरोध में हुआ है.