महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार के बाद पूरे शहर में बवाल मच गया है. लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रेलवे स्टेशन का भी घेराव किया और रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा था. ऐसे में रेल ट्रैक को खाली कराने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारी भीड़ पर लाठीचार्ज किया. ताकि रेलवे ट्रैक को खाली कराया जा सके.
पुलिस ने जानकारी दी कि अब रेल ट्रैक को खाली करा दिया गया है और इसकी जानकारी रेलवे को दे दी गई है. यानी अब इस रूट पर रेल नेटवर्क सुचारू ढंग से चल सकेगा.
LIVE Updates:
9PM: बदलापुर में इंटरनेट सर्विस बंद कर गई है.
8PM: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने जानकारी दी है कि बदलापुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तेजी से जांच की जाएगी और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा और वरिष्ठ वकील उज्वल निकम को विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है.
थोड़ी देर में आएगी ट्रेन
बदलापुर रेलवे स्टेशन पर अनाउसमेंट किया गया है कि थोड़ी देर में ट्रेन आएगी. बता दें कि बच्ची से दुर्व्यवहार के बाद बदलापुर में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया था. जिसे कि पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद खाली कराया.
पुलिस ने खाली कराया रेलवे ट्रैक
क्या है मामला?
ठाणे के बदलापुर में स्थित आदर्श विद्यालय के शिशु वर्ग में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ सफाई कर्मचारी ने छेड़छाड़ की थी. इस घटना से गुस्साए लोग स्कूल के सामने मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे थे. देखते ही देखते प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या बढ़ती गई और पूरे शहर में आक्रोशित लोगों की भीड़ बैनर-पोस्टर लेकर निकल आई. इसके बाद लोगों ने रेलवे स्टेशन का घेराव शुरू कर दिया.
13 अगस्त की घटना
इस मामले पर पुलिस द्वारा दर्ज FIR के मुताबिक ये घटना 13 अगस्त सुबह से 9 से 12 बजे के बीच की है. इसके बाद 16 अगस्त को बच्चियों ने स्कूल जाने से इनकार किया. वो काफी डरी हुई थीं. जिसके बाद घर वालों ने पूछताछ की तब बच्चियों ने जो बताया घर वालों के पैरों के नीचे से जमीन खिसकाने वाला था.
बच्ची ने स्कूल जाने से किया इनकार
परिवार ने पुलिस को 16 अगस्त के दिन इसकी जानकारी दी और पुलिस ने 12 घंटों की देरी के बाद देर रात करीब 9 बजे FIR लिखी. FIR के मुताबिक शिकायतकर्ता को किसी दूसरे बच्चे के अभिभावक ने बताया कि उनकी बच्ची के साथ योन उत्पीड़न हुआ है और वो इसकी शिकायत करने जा रहे हैं. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने अपनी बच्ची का मेडिकल टेस्ट करवाया तब जांच में सामने आया कि उसका Hymen Open है.
मेडिकल टेस्ट से हुआ खुलासा
फिर पछताछ के बाद पीड़ित बच्ची ने अपने परिवार को बताया कि स्कूल के एक दादा (मराठी में भाई को दादा कहा जाता है) ने उसके कपड़े उतारे और उसके प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाया. FIR में दी गई शिकायत के मुताबिक आरोपी ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाया.
प्रदर्शनकारियों ने रखीं ये मांगें
इस मामले पर प्रदर्शन कर रही गुस्साई भीड़ ने कुछ अहम मांगें रखी हैं. प्रदर्शनकारियों ने खासतौर पर कानूनी कार्यवाही में तेजी लाने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाने और आरोपी को कठोर सजा देने या फांसी देने की मांग की है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ही मामला चलेगा और आरोपी को सख्त सजा दी जाएगी.
3 पुलिसकर्मी सस्पेंड
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस टीम ने कार्रवाई में देरी की थी और ऐसा करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने की मांग की थी. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रदर्शनकारियों की ये मांग स्वीकार करते हुए, पुलिस कमिश्नर को देरी से प्रतिक्रिया देने वाले अधिकारियों - सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, एसिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड करने का निर्देश दिया. इस मामले में सीएम एकनाथ शिंदे ने भी जांच के आदेश दिए थे और उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
स्कूल प्रिंसिपल, क्लास टीचर और पुलिस इंस्पेक्टर पर कार्रवाई
इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर को निलंबित कर दिया है. साथ ही इस मामले में पुलिस इंस्पेक्टर शुभदा शितोले के खिलाफ भी कार्रवाई की गई और उनका ट्रांसफर कर दिया गया. उन पर अभिभावकों ने कार्रवाई में ढीला रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने की बात कही गई है.
पुलिस ने लोगों से की शांति बनाए रखने की अपील
डीसीपी सुधाकर पठारे ने शहरवासियों से सहयोग की अपील की है. उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद साढ़े तीन घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में भी भेज दिया है. डीसीपी पठारे ने शहरवासियों से अपील की है कि वे जांच में पुलिस का सहयोग करें, ताकि इस गंभीर मामले की तह तक पहुंचा जा सके और न्याय सुनिश्चित हो सके.
डीसीपी ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई शहर बंद या आंदोलन का आयोजन करता है, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है.

लोकल ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने रोका
प्रदर्शनकारियों ने विरोध में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है और ट्रेनें रोक दी हैं. इसकी वजह से आम लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस आयुक्त संजय जाधव ने अपील की कि रेलवे मुंबई की लाइफलाइन है और ऐसे में इसे रोका नहीं जाना चाहिए, और ये कि इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी.