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पढ़ाई का ऐसा जुनून, नेटवर्क के लिए युवती ने पहाड़ी इलाके में बनाई झोपड़ी

स्वप्नाली अपने भाइयों के साथ ठाणे में रहती है लेकिन लॉकडाउन के कारण गांव आ गई. गांव से फोन भी लगने में दिक्कत पैदा हुई तो स्वप्नाली ने नया रास्ता बना लिया.

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स्वप्नाली सुतार ने नेटवर्क की कमी के कारण घर से दूर झोपड़ी बना ली
स्वप्नाली सुतार ने नेटवर्क की कमी के कारण घर से दूर झोपड़ी बना ली
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिंधुदुर्ग के कणकवली के दुर्गम इलाके में बनाई झोपड़ी
  • एक खाई भरे परिसर में, घर से 2 किलोमीटर दूर ठिकाना
  • बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है स्वप्नाली सुतार

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की रहने वाली एक युवती ने गांव में इंटरनेट सुविधा नहीं होने के बाद भी लगन और मेहनत के दम पर ना सिर्फ पढ़ाई की बल्कि इसके लिए उसने पहाड़ियों और खाई वाले इलाके में एक झोपड़ी भी बना ली.

दरअसल, कोकण का इलाका पहाड़ियों और खाइयों से भरा है, कई जगह तो नेटवर्क ही नहीं रहता. सिंधुदुर्ग जिले के कणकवली तहसील के दुर्गम इलाके में रहने वाली स्वप्नाली सुतार ने लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की. इस दौरान वह अपने भाई के साथ दारिस्ते गांव आई. पढ़ाई ऑनलाइन होने के कारण उसे गांव में नेटवर्क नहीं मिला.

बचपन से ही पढ़ाई में होशियार स्वप्नाली सुतार ने 12वीं साइंस से 88 प्रतिशत लेकर मुंबई में पशुवैद्यकीय क्षेत्र में दाखिला लिया. स्वप्नाली अपने भाइयों के साथ ठाणे में रहती है लेकिन लॉकडाउन के कारण गांव आ गई. गांव से फोन भी लगने में दिक्कत पैदा हुई तो स्वप्नाली ने नया रास्ता बना लिया. स्वप्नाली ने उस पहाड़ी इलाके में एक झोपड़ी बनाई जहां नेटवर्क मिलता है. स्वप्नाली उसी झोपड़ी में पढ़ाई करती है.

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झोपड़ी बनाने से पहले स्वप्नाली जगह की तलाश में थी, लेकिन उसे अब खाई भरे परिसर में घर से 2 किलोमीटर दूर नया ठिकाना मिल गया है. स्वप्नाली ने वहां पढ़ाई करने की ठानी लेकिन माता-पिता राजी नही थे. आखिरकार स्वप्नाली ने उन्हें भी मना लिया और झोपड़ी बनाई.

स्वप्नाली का सपना डॉक्टर बनने का है. घर की माली हालत सही ना होने के कारण उसने पशुवैद्यकीय अधिकारी बनने का सपना बुना. स्वप्नाली माता-पिता किसान हैं. फिलहाल स्वप्नाली की ये लगन देखकर आसपास के इलाके में उसकी चर्चा हो रही है.

 

 

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