महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के रहने वाले सिद्धार्थ काटकर अपने नाक की हड्डी बढ़ने से परेशान थे और इसका इलाज करवा रहे थे लेकिन कोई भी इलाज सफल नहीं हो रहा था. आखिरकार डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी, इसके बाद पनवेल के लाइफ लाइन अस्पताल में सिद्धार्थ काटकर का ऑपरेशन होना था लेकिन ऑपरेशन टेबल पर ही सिद्धार्थ कट करने दम तोड़ दिया.
6 नवंबर को सिद्धार्थ पनवेल के लाइफ लाइन अस्पताल में अपने नाक की हड्डी बढ़ाने का ऑपरेशन करवाने के लिए एडमिट हुए. ऑपरेशन करने से पहले पेशेंट को एनेस्थीसिया दिया जाता है, एनेस्थीसिया का डोज देते ही सिद्धार्थ ने ऑपरेशन टेबल पर ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया.
अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज
इसके बाद परिवार वालों ने लाइफ लाइन हॉस्पिटल के खिलाफ पनवेल शहर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और इस पूरे मामले की जांच की मांग की, सिद्धार्थ काटकर की मृत्यु की वजह हॉस्पिटल है और अस्पताल की निगलिजेन्स की वजह से सिद्धार्थ की मृत्यु हुई है तो वहीं लाइफ लाइन हॉस्पिटल के मालिक डॉ. प्रकाश पाटिल से बात की तो उन्होंने कहा कि इसमें अस्पताल की कोई गलती नहीं है.
एनेस्थीसिया से पहले दिए इंजेक्शन से एलर्जी
एनेस्थीसिया देने से पहले स्कोलीन नामक एक इंजेक्शन दिया जाता है और इस स्कोलीन इंजेक्शन की सिद्धार्थ काटकर को एलर्जी थी. स्कोलिन इंजेक्शन देते ही सिद्धार्थ की मृत्यु हो गई. पुलिस ने इस मामले में एडीआर दाखिल कर इसकी जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण क्या आता है इस पर पुलिस की आगे की जांच निर्भर करेगी.