मुंबई में एक चौंकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने खुद को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का अधिकारी बताकर एक रियल एस्टेट कारोबारी से 8 लाख रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके दो साथी अभी फरार हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मुंबई के दहिसर इलाके से जुड़ा है. एमएचबी पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के मुताबिक, आरोपी की पहचान निलेश काशीराम राठोड़ के रूप में हुई है. राठोड़ ने अपने साथियों सचिन कृष्णा सावंत और करण सिंघानिया के साथ मिलकर यह ठगी की साजिश रची.
नौकरी का झांसा देकर 8 लाख की ठगी
पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद को आईपीएस अधिकारी बताता था और केंद्र सरकार के विभागों में अपनी ऊंची पहुंच का दावा करता था. उसने दहिसर निवासी रियल एस्टेट कारोबारी प्रकाश उदेशी को भरोसे में लिया. उदेशी की पहचान आरोपी के सहयोगी सचिन सावंत से पहले से थी, जिसका फायदा उठाकर ठगों ने जाल बिछाया.
आरोपियों ने कारोबारी से वादा किया कि वो उसके बेटे को सेंट्रल एक्साइज विभाग में नौकरी दिलवा देंगे. इस काम के बदले उन्होंने 8 लाख रुपये की मांग की. भरोसा कर उदेशी ने यह रकम आरोपियों को दे दी.
खुद को IPS बताकर रचा पूरा खेल
हालांकि, दो साल बीत जाने के बावजूद जब नौकरी नहीं लगी, तो कारोबारी को शक हुआ. इसके बाद उसने आरोपियों द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच कराई, जो पूरी तरह फर्जी निकले. खुद को ठगा हुआ महसूस करने के बाद प्रकाश उदेशी ने एमएचबी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने निलेश राठोड़, सचिन सावंत और करण सिंघानिया के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की धाराओं में मामला दर्ज किया. जांच के दौरान पुलिस ने निलेश राठोड़ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके दोनों साथी अभी फरार हैं.
एक गिरफ्तार, दो आरोपी अभी फरार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी नौकरी के नाम पर पैसे मांगने वालों से सावधान रहें और ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें.