अब लगभग ये साफ हो गया है महाराष्ट्र में एमएनएस, शिवसेना और बीजेपी का कोई महागठबंधन नहीं होने जा रहा. ये बात कांग्रेस-एनीसीपी गठबंधन सरकार के लिए काफी राहत भरी है.
कुछ दिनों पहले तक महाराष्ट्र के राजनैतिक गलियारों में ये चर्चा थी कि शिवसेना-बीजेपी के साथ एमएनएस जुड़ सकती है, और ये तीनों दल राज्य में एक मजबूत दल के रूप में उभरेंगे. विपक्षी दलों के महा-गठबंधन की चर्चा इतने जोर शोर से हो रही थी कि सत्ताधारी कांग्रेस-एनसीपी भी चिंता में पड़ गईं थी. पर उनकी ये चिंता अब दूर हो चुकी है. सूखे के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधने के बाद एमएनएस ने रविवार को बीजेपी को भी नहीं छोड़ा.
राज ठाकरे ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि साठंगांठ के चलते वो मुद्दों को नहीं उठाते हैं. जाहिर है राज का ये बयान बीजेपी को काफी नागवार गुजरा. बीजेपी ने भी राज पर फौरन पलटवार किया. विपक्ष के नेता विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि उन्हें ये आरोप साबित करना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने भी रविवार को रतन टाटा के साथ हुई राज ठाकरे की मुलाकात पर निशाना साधा. कुछ समय पहले तक राज के साथ के लिए बेकरार दिख रहे उद्धव ने राज के भाषणों को एंटरटेंनमेंट शो बताया.
लगता है कि शिवसेना-बीजेपी ने मन बना लिया है कि उन्हें अब राज ठाकरे का साथ कतई नहीं चाहिए. विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र की शुरुआत हो गई. उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पड़ रहे भयंकर सूखे के मुद्दे को विपक्ष जोरदार तरीके से उठाएगा और सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगी. लेकिन विपक्षी दल आपस में ही एक दूसरे से भिड़ते नजर आए और सरकार की राहें आसान कर दीं.