महाराष्ट्र की सत्ता की जंग में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे ने बगावत कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है. इसके बावजूद एनसीपी के तमाम नेता अजित पवार को मनाने में जुटे हैं. ऐसे में शरद पवार का अजित पवार की एनसीपी में वापसी कराने का दांव सियासी मजबूरी में लिया जा रहा है या फिर एक सोची समझी रणनीति के तहत राजनीतिक बिसात बिछाई जा रही है.
महाराष्ट्र की सियासत ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है कि कौन क्या सियासी दांव चल रहा है. इसका अंदाजा लगाने में सियासी पंडित भी फेल हो रहे हैं. ऐसे में अजित पवार के बगावती दांव से कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है तो बीजेपी भी उलझन में फंसी हुई है. ऐसे में अजित पवार के साथ एनसीपी के दिग्गज नेता विधानसभा में मंथन कर रहे हैं. अजित पवार को छगन भुजबल और जयंत पाटिल जैसे बड़े एनसीपी नेता मनाने में जुटे हैं.
अजित पवार की बगावत के बाद एनसपी के नए विधायक दल के नेता चुने गए जयंत पाटिल ट्वीट कर सार्वजनिक तौर पर अजित पवार को वापस आने का न्योता दे चुके हैं. जबकि नवाब मलिक ने कहा है कि अजित पवार से गलती हो गई है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दावा किया है कि 54 में से 53 विधायक एकजुट हैं. अजित पवार ने गलती की है और गलती सुधारने के लिए वे तुरंत इस्तीफा दें. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के पास बहुमत नहीं है. अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए. बेइज्जती होने से पहले इस्तीफा दे दें, नहीं तो सदन के पटल पर सरकार को गिराया जाएगा.
छगन भुजबल भी अजित पवार से मिले
एनसीपी के एक और बड़े नेता छगन भुजबल ने भी अजित पवार से मुलाकात की. सोमवार को भुजबल विधानसभा ही पहुंच गए जहां अजित पवार मौजूद थे. यहां तक कि अजित पवार के साथ भुजबल की तस्वीर भी सामने आई. भुजबल ने लंबे समय तक अजित पवार से बातचीत की.
परिवार भी मनाने में जुटा
वहीं, 'पवार परिवार' की कोशिश है कि किसी भी तरह अजित पवार को मनाया जाए और उन्हें फिर एनसीपी खेमे में वापस बुलाया जाए. सूत्रों की मानें तो शरद पवार और सुप्रिया सुले ने अजित पवार के भाई श्रीनिवास से भी इस बात की है. एनसीपी इस कोशिश में है कि अजित पवार फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दें.
दरअसल एनसीपी प्रमुख शरद पवार सियासत के ऐसे मंझे हुए नेता हैं, जो कब और कौन सा सियासी दांव चलेंगे, यह कोई नहीं जानता. इन सियासी उठापटक के बीच शरद पवार ने पहली बार खुलासा करते हुए कहा कि हमने शिवसेना से ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग की थी, लेकिन इस मसले पर मतभेद था. कोई सहमति नहीं बन पाई थी. इसी के चलते यह सारा सियासी उलटफेर हुआ है.
हालांकि शरद पवार ने साथ ही कहा कि बीजेपी के साथ जाने का अजित पवार का फैसला निजी था. मैंने शिवसेना को समर्थन देने का वादा किया है और मैं अपने वादे को पूरा करूंगा. ऐसे में क्या यही वजह है कि एनसीपी अजित पवार की वापसी के लिए हाथपांव मार रही है? वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने रविवार को ट्वीट कर कहा था, 'मैं एनसीपी में हूं और हमेशा एनसीपी में ही रहूंगा और शरद पवार साहेब हमारे नेता हैं.' इसी के बाद एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार की घर वापसी के लिए मनाने में जुटे हैं.