चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैल चुका है. लाखों लोग इस महामारी से प्रभावित हुए हैं. भारत भी इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुका है. इसी वजह से यहां देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है ताकि वायरस के संक्रमण को रोका जा सके. भारत में इस वायरस ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में मचाया है.
लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में विभिन्य राज्यों से गए दिहाड़ी मजदूर फंसे हुए हैं. कई बार ये लोग अपने गृह राज्य जाने की मांग भी कर चुके हैं. इस बाबत महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है.
अजित पवार ने अपने पत्र में रेल मंत्री से दरख्वास्त की है कि दूसरे राज्यों से आए वैसे मजदूरों के लिए ट्रेनों को फिर से शुरू करने की अग्रिम योजना बनाएं, जो अपने घर वापस जाना चाहते हैं. अपने पत्र में पवार ने लिखा है कि महाराष्ट्र में यूपी, बिहार और अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या है जो यहां विभिन्ग सेक्टरों में काम कर रही है.
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पवार के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से करीब साढ़े 6 लाख प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र के लेबर कैंपों में रह रहे हैं जिन्हें राज्य सरकार खाना और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है. इसके अलावा इतनी ही संख्या में ऐसे मजदूर हैं जिनकी देखभाल विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संस्थानों द्वारा की जा रही है. पवार ने आगे लिखा है कि प्रवासी मजदूर फिलहाल बेरोजगार हैं और अपने घर जाना चाहतें हैं. ब्रांदा रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुई भीड़ प्रवासी मजदूरों की इसी बेचैनी का परिणाम थी.
पवार की चिट्ठी
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बता दें कि 15 अप्रैल को जब मुंबई में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ीं तो इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी हुई. राज्य सरकार ने एक ओर जहां केन्द्र सरकार को इस स्थिति का जिम्मेदार बताने की कोशिश की तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेताओं ने उद्धव सरकार पर जमकर निशाना साधा था.