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संभाजीनगर विवादः CM उद्धव का कांग्रेस को झटका, कहा- सेक्युलर शब्द में कहीं फिट नहीं बैठते औरंगजेब

महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी दल द्वारा विरोध के बावजूद उद्धव ठाकरे ने इस शब्द का इस्तेमाल जारी रखा हुआ है. इस मामले में आज शुक्रवार को उद्धव ठाकरे एक कदम आगे निकल गए और सीएमपी की याद दिला दी.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल-पीटीआई)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने जा रही सरकार
  • संभाजीनगर कहकर कुछ नया नहीं कियाः उद्धव ठाकरे
  • कांग्रेस की संभाजीनगर शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति

महाराष्ट्र में 'औरंगाबाद' शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के विवाद पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सहयोगी पार्टी कांग्रेस को जोर का झटका दिया और कहा कि औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) नहीं थे. हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के पास सेक्युलर शब्द एजेंडा के रूप में शामिल है और औरंगजेब उस परिभाषा में कहीं फिट नहीं बैठते हैं.

नाम बदलने को लेकर हो रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब सेक्युलर नहीं थे. हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में सेक्युलर शब्द एजेंडा के रूप में शामिल है और औरंगजेब उसमें फिट नहीं बैठते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने औरंगाबाद को संभाजीनगर कहकर कुछ भी नया नहीं किया है. हम पिछले कई वर्षों से इसे इसी नाम से बुलाते रहे हैं.'

इससे पहले राज्य सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने ठाकरे सरकार की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में संभाजीनगर शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी दल द्वारा विरोध के बावजूद उद्धव ठाकरे ने इस शब्द का इस्तेमाल जारी रखा हुआ है. इस मामले में आज शुक्रवार को उद्धव ठाकरे एक कदम आगे निकल गए और सीएमपी की याद दिला दी.

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शिवसेना की पुरानी मांग

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार 'औरंगाबाद' शहर का नाम बदलकर 'संभाजीनगर' करने जा रही है. पिछले दिनों शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एक लेख लिखा जिसमें उसने कहा कि पार्टी जल्दी ही औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने जा रही है.

औरंगाबाद शहर का नाम बदलने की शिवसेना की पुरानी मांग रही है, लेकिन इसका असर शिवसेना सरकार बनाने वाले गठबंधन यानी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) पर पड़ता दिखाई दे रहा है. पिछले दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहेब थोरात ने कहा था कि इस मुद्दे का उल्लेख एमवीए के 'सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम' में नहीं था'.

औरंगाबाद का नाम बदलने के मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेता राम कदम ने कहा कि शिवसेना नाम बदलने को लेकर औपचारिक रूप देने जा रही है क्योंकि कांग्रेस के पास अभी भी आरक्षण है. क्या शिवसेना की यह महज एक राजनीतिक नौटंकी है.

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कांग्रेस नेता की ओर से नाराजगी जताए जाने पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि 'एमवीए सरकार' की नीतियों और नियम पुस्तिका में नाम परिवर्तन के मुद्दे को जोड़ना बेवकूफी होती क्योंकि नाम परिवर्तन को लेकर कांग्रेस का विरोध पहले भी रहा है.

सामना में आगे लिखा गया कि कांग्रेस नेता द्वारा दिए बयान पर शिवसेना को अपने रुख को स्पष्ट करने की जरुरत नहीं है क्योंकि पार्टी इस मुद्दे पर अपने पहले के रुख से हटी नहीं है और नाम बदलने की मांग को लेकर हमेशा सबसे आगे रही है.

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सामना ने अपने संपादकीय में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर दोहरे आरोप लगाते हुए सवाल दागे थे कि जब बीजेपी दिल्ली में इलाहाबाद, फैजाबाद और औरंगजेब मार्ग के नाम बदल सकती है, तो महाराष्ट्र में सरकार होने पर किस वजह से उसने ये बदलाव नहीं किए?

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