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यशवंत जाधव और BMC ठेकेदारों के ठिकानों पर IT के छापे, 1 करोड़ की संपत्तियों के मिले सबूत

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कुछ ठेकेदारों और यशवंत जाधव पर भ्रष्टाचार और गुटबंदी की शिकायतों के बाद बीते 25 फरवरी को आयकर विभाग ने पूरे मुंबई में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था. इस दौरान 35 से अधिक परिसरों को कवर किया गया था.

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INCOME TAX
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हुई थी 35 से अधिक परिसरों की तलाशी
  • 2019 से आईटी की रडार पर जाधव

आयकर विभाग को शिवसेना नेता यशवंत जाधव, उनके सहयोगियों और बीएमसी ठेकेदारों के आवास पर तलाशी के बाद ऐसे सबूत मिले हैं जो ठेकेदारों और यशवंत जाधव के बीच सांठगांठ के संकेत देते हैं. सूत्रों ने बताया कि करीब 3 दर्जन अचल संपत्तियों का ब्यौरा पाया गया है, जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है. साथ ही 130 करोड़ रुपयों का भी पता चला है. इसमें जाधव और उनके परिवार या उनके सहयोगियों या बेनामीदारों की अर्जित संपत्तियां शामिल हैं. 

हवाला लेन-देन में संलिप्तता

आयकर विभाग को अंतरराष्ट्रीय हवाला लेन-देन में उनकी संलिप्तता और गलत तरीके से अर्जित धन को विदेश भेजने के सबूत भी मिले हैं. बेहिसाब नकद प्राप्तियों और कई करोड़ के भुगतान के विवरण के साथ लूज शीट्स और एक्सेल फाइलें भी मिली हैं, जिन्हें जाधव और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान नियमित खाते की किताबों में दर्ज नहीं किया गया था. बता दें कि जाधव बीएमसी के स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी भायखला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं.

हुई थी 35 से अधिक परिसरों की तलाशी

25 फरवरी को आयकर विभाग ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कुछ ठेकेदारों और यशवंत जाधव पर भ्रष्टाचार और गुटबंदी की शिकायतों के बाद पूरे मुंबई में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था. तलाशी अभियान के दौरान मुंबई में 35 से अधिक परिसरों को कवर किया गया था. इस दौरान बिमल अग्रवाल, मदनी, बिपिन जैन और लैंडमार्क इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे बीएमसी ठेकेदारों पर छापेमारी की गई और उनके परिसरों की तलाशी ली गई. अग्रवाल को पहले ईडी ने सट्टेबाजी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था और उनकी ओर से मुंबई पुलिस को कम गुणवत्ता वाले बम निरोधक सूट की सप्लाई के लिए भी जांच की गई थी.

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किया गया सब कान्ट्रैक्ट खर्चों का अधिक चालान

विभाग ने खुलासा किया कि ठेकेदारों के मामले में जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि उन्होंने अपने खर्चों को बढ़ाकर टैक्स योग्य आय के लार्ज स्केल सप्रेशन की कोशिश की थी. इसके लिए संस्थाओं के माध्यम से गैर-वास्तविक खर्चों का दावा करके सब कान्ट्रैक्ट खर्चों का अधिक चालान किया गया. 

2019 से आईटी की रडार पर जाधव

तलाशी और जब्ती अभियान तीन दिनों तक चला और कुल 35 परिसरों की तलाशी ली गई. तलाशी अभियान के दौरान 50 हजार रुपये की अघोषित नकदी बरामद हुई. 2 करोड़ नकद और 1.5 करोड़ रुपये की ज्वैलरी अब तक जब्त किए जा चुके हैं. आगे की जांच जारी है. बता दें कि जाधव 2019 से आईटी की जांच के दायरे में हैं और विभाग ने 2019 के राज्य चुनावों में उनके द्वारा दायर चुनावी हलफनामे में विसंगतियों पर विधायक यामिनी जाधव की अयोग्यता के लिए भारत के चुनाव आयोग को भी लिखा था.

 

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