पुणे में पिंपरी-चिंचवड़ की साइबर पुलिस ने 1 करोड़ 11 लाख रुपए की बड़ी ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. आरोपियों ने शेअर मार्केट (Share Market) में 10 से 15 प्रतिशत का रिटर्न देने का झांसा देकर एक आईटी इंजीनियर को ठगा था. इस मामले में पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शरद दिलीप सराफ, सूरज तात्याराम सायकर, संकेत संदीप वावले, नागेश नरसिंहराव गंगे और योगीराज किसन जाधव के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नामक शेअर मार्केट कंपनी के व्हाट्सएप नंबर से पीड़ित इंजीनियर से संपर्क किया गया था.
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उन्हें बताया गया कि निवेश करने पर हर माह 10 से 15 फीसदी रिटर्न मिलेगा. इसके बाद पीड़ित ने पहले कुछ पैसे निवेश किए, जिनपर उसे रिटर्न मिला. इससे उसका भरोसा बढ़ा और उसने अलग-अलग खातों में कुल 1.11 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए. जब उसने रिटर्न निकालने की कोशिश की तो कहा गया कि पहले सरकारी टैक्स जमा करना होगा.
धीरे-धीरे पीड़ित इंजीनियर को समझ में आ गया कि उसके साथ ठगी हुई है. इसके बाद पीड़ित ने पिंपरी-चिंचवड़ साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस उपायुक्त संदीप डोईफोड़े, डॉ. शिवाजी पवार के मार्गदर्शन और निरीक्षक रविकिरण नाले, एपीआई प्रवीण स्वामी की टीम ने तकनीकी जांच शुरू की.
जांच के दौरान पुलिस ने एक आरोपी को उस बैंक से गिरफ्तार किया, जहां से 2 लाख निकाले गए थे. धीरे-धीरे अन्य आरोपी भी पकड़े गए. पता चला कि योगीराज जाधव ने नागेश गंगे की मदद से ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदला. पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है. यह कार्रवाई साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.