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मां-बाप सहमत हों तो बच्चों को भोजन में अंडा परासेने में क्या हर्ज: कुसुम सिंह

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की आंगनबाड़ियों के बच्चों को अंडा परोसने के कथित प्रस्ताव को खारिज करने के कुछ दिन बाद ही उनकी मंत्रिमण्डलीय सहयोगी कुसुम सिंह महदेले ने बुधवार को कहा कि यदि अभिभावक सहमत हों, तो बच्चों को भोजन में अंडा परोसने में कोई बुराई नहीं है.

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Shivraj Singh Chauhan
Shivraj Singh Chauhan

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की आंगनबाड़ियों के बच्चों को अंडा परोसने के कथित प्रस्ताव को खारिज करने के कुछ दिन बाद ही उनकी मंत्रिमण्डलीय सहयोगी कुसुम सिंह महदेले ने बुधवार को कहा कि यदि अभिभावक सहमत हों, तो बच्चों को भोजन में अंडा परोसने में कोई बुराई नहीं है.

प्रदेश की पशुपालन, मछलीपालन, ग्रामोद्योग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम सिंह ने कहा, 'माननीय मुख्यमंत्री बिल्कुल दुरुस्त कह रहे हैं. मैं भी बिल्कुल दुरुस्त कह रही हूं. सवाल इस बात का है कि आप मांसाहारी हैं या शाकाहारी हैं. शाकाहारी हैं तो आप दूध पीजिये. और अगर मांसाहारी हैं तो आप अपनी स्वेच्छा से अंडे खाइये, मछली खाईये , किसी को क्या ऐतराज है.'

उन्होंने कहा, 'अभी हमारे यहां अंडों का उत्पादन ज्यादा नहीं है, लेकिन जब उनका उत्पादन बढ़ेगा, तो हम विकल्प रखेंगे कि जो बच्चे मांसाहारी परिवारों से आते हैं, जिनके माता-पिता इजाजत देते हैं. उन्हें अंडे खिलाए जाएंगे . इसे लेकर माननीय मुख्यमंत्री और मुझमें कोई ‘क्लैश’ नहीं है. वह भी ठीक कह रहे हैं, मैं भी ठीक कह रही हूं. जो मांसाहारी हैं अंडे खायें, मछली खायें. किसी को क्या दिक्कत हैं, भाई. अगर नहीं हैं तो मत खाओ. शाकाहारी हैं तो दूध, खीर, फल-फूल खायें.'

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उनसे पूछा गया था कि एक ओर मुख्यमंत्री अंडे के उपयोग को हतोत्साहित कर रहे हैं, तो फिर आप लोगों विशेषकर बच्चों को पौष्टिक आहार के लिए अंडा और मछली खाने के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रही हैं.

ग्रामोद्योग मंत्री ने प्रदेश के कुटीर और ग्रामोद्योग उत्पादों के विपणन की ऑनलाइन बिक्री की शुरू की जा रही प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए बुलाया था. इन उत्पादों को वैश्विक बाजार में ऑनलाइन उपलब्ध कराने की यह व्यवस्था एक जुलाई से आरंभ की जा रही है.

गौरतलब है कि 30 मई को विशुद्घ शाकाहारी मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों की एक बैठक में कहा था, 'अंडा नहीं, बल्कि आंगनबाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दूध मुहैया कराया जाएगा.' उनका यह आश्वासन उस समय आया, जब जैन समुदाय के एक प्रतिनिधिमण्डल ने उनसे मिलकर आंगनबाड़ी केन्द्रों के भोजन से अंडे को दूर रखने का आग्रह किया था.

इसके दो दिन बाद (एक जून) को जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री चौहान की मौजूदगी में आयोजित राज्य स्तरीय मछुआरा सम्मेलन में पशुपालन एवं मछलीपालन मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने लोगों से अपने बच्चों के भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए उसमें मछली शामिल करने की अपील की थी.

उन्होंने कहा था, 'मछली में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है और यह जिन इलाकों में पहले से उपलब्ध है, वहां कुपोषण की समस्या दूर करने में सहायक हो सकती है. यदि उनके इस आग्रह का विरोध होता है तो मुझे मुख्यमंत्री का संरक्षण अवश्य मिलेगा, क्योंकि वह मेरे बड़े भाई जैसे हैं.'

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