मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कांग्रेस शासन के दस साल के कार्यकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों की जांच की घोषणा करते हुए कहा है कि वह कोई क्रिकेट का विकेट नहीं बल्कि अंगद के पांव हैं, जिसे गिराया जाना संभव नहीं है.
राज्य विधान सभा में कांग्रेस द्वारा व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर बुधवार को प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान कांग्रेसी सदस्यों द्वारा किये गये हंगामे के कारण उनका जवाब पूरा नहीं हो पाया था. कांग्रेसी सदस्यों ने गुरुवार को भी मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान व्यापम घोटाले की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग को लेकर जबर्दस्त हंगामा और नारेबाजी की. इस कारण वह जवाब नहीं दे सके वहीं अत्यधिक हंगामे और नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद तीसरी बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिये स्थगित करनी पड़ी.
भोजनावकाश के बाद भी सदन में हंगामे की स्थिति बनी रही और मुख्यमंत्री ने अपना जवाब सदन के पटल पर रख दिया, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिये स्थगित कर दी गई.
शिवराज ने बाद में विधान सभा सभागार में बीजेपी विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सदन में कांग्रेस द्वारा लगाये गये निराधार और तथ्यहीन आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देना चाहते थे. लेकिन कांग्रेसी सदस्यों ने हंगामा करके लोकतंत्र की हत्या की और संविधान को तार-तार किया.
चौहान ने कहा कि कांग्रेस द्वारा व्यापम घोटाले को लेकर उनपर तथा उनके परिजनों पर आरोप लगाए गए लेकिन वे इन आरोपों को लेकर एक भी सबूत पेश नहीं कर सके. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस मेरा विकेट गिराने की बात कर रही है. लेकिन में क्रिकेट का विकेट नहीं हूं बल्कि अंगद का पांव हूं जो गिर नहीं सकता बल्कि जम गया है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल कांग्रेस उनके तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने को पचा नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा पेश किया जैसे व्यापम में महाघोटाला हो गया हो जबकि सामने आने पर हमने इसकी जांच कराई और हम इसकी जड़ में जाना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस जांच को भटकाना चाहती है.
कांग्रेस शासनकाल में हुई भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौरान भर्ती के लिये कोई नियम ही नहीं थे और उस समय ‘अंधा बांटे रेवड़ी, चीन्ह चीन्ह कर दे’ की स्थिति थी. उन्होंने कहा कि उस समय एक मात्र कनिष्ठ चयन आयोग था, लेकिन वर्ष 1996 में उसे भी भंग कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों की जांच कराने की घोषणा करते हुए कहा कि सदन में जब कांग्रेसियों के काले कारनामे उजागर होने लगे तब वे काले कपड़े पहनकर आ गए.
चौहान ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल में गड़बड़ियों को रोकने के लिये व्यापम की पुनर्संरचना की जाएगी और इस संबंध में इसी सत्र में विधेयक लाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों को भी घेरने का भी प्रयास किया लेकिन ये ऐसे लोग हैं जिन्होने अपनी पूरी जिंदगी ही समाज सेवा और त्याग में बिता दी. बाद में यह पूछे जाने पर कि यदि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान की गई गड़बड़ियों में कुछ गलत पाया जाता है तो क्या दोषियों को जेल भेजा जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा.