scorecardresearch
 

MP चुनाव: जावरा सीट पर कांग्रेस-BJP के बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज मतगणना हो रही है. जावरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से डॉक्‍टर राजेन्‍द्र पांडेय और कांग्रेस से केके सिंह कालूखेड़ा चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी, दोनों पार्ट‍ियों से बागी भी मुकाबले में हैं. जो दोनों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं.

Advertisement
X
फोटो-PTI
फोटो-PTI

मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज मतगणना हो रही है. जावरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से डॉक्‍टर राजेन्‍द्र पांडेय और कांग्रेस से केके सिंह कालूखेड़ा चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी, दोनों पार्ट‍ियों से बागी भी मुकाबले में हैं. जो दोनों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं.

सूबे की जावरा विधानसभा सीट सामान्य है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के राजेंद्र पांडे ने जीत हासिल की थी. जबकि, 2008 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार महेंद्र सिंह कालूखेड़ा का कब्जा था.

2013 जावरा चुनाव के नतीजे

बीजेपी- राजेंद्र पांडे- 89,656 (57.3%)    

कांग्रेस- कडपा मोहम्मद युसूफ-59,805 (38.2%)

2008 जावरा चुनाव के नतीजे

कांग्रेस- महेंद्रसिंह कालूखेड़ा-61,309(47.7%)    

बीजेपी- डॉ. राजेंद्र पांडे -58,850    (45.8%)  

2013 में राज्य में क्या थे चुनावी नतीजे

Advertisement

मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.

इस बार की वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा. 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 प्रतिशत रहा था.

कितने लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग

निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2,20,64,402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,45,71,298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

इसके पहले कैसा रहा है वोटिंग का प्रतिशत

मध्‍य प्रदेश में 1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में भाजपा मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरी तो 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा और बीजेपी की पटवा सरकार हार गई थी.

Advertisement

वहीं, 1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था. उस वक्त दिग्विजय सिंह की सरकार बनी. लेकिन 2003 में उमा के नेतृत्व में भाजपा सामने आई और दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. उस वक्त भी 7.03 प्रतिशत वोट बढ़े थे.

पिछले तीन बार से शिवराज सूबे के मुख्‍यमंत्री

2003 में मुख्‍यमंत्री बनी उमा भारती के इस्तीफे के बाद सूबे के वरिष्ठ नेता बाबूलाल ने 23 अगस्त 2004 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बाबूलाल गौर के 29 नवंबर 2005 को पद छोड़ने पर शिवराज ने प्रदेश की बागडोर संभाली और 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव भी जिताने में सफल रहे. पिछले 13 वर्षों से राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड शिवराज के नाम दर्ज है.

“ To get latest update about Madhya Pradesh elections SMS MP to 52424 from your mobile . Standard  SMS Charges Applicable ”

Advertisement
Advertisement