2019 में इंदौर का एक मामला काफी प्रचलित रहा था. इसमें भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे, आकाश विजयवर्गीय ने भरे बाजार में नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटा था. अधिकारी ने इसकी शिकायत की थी. लेकिन अब शिकायत करने वाले अधिकारी ने अपना बयान बदल लिया है. उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि बल्ला किसने मारा.
शिकायतकर्ता ने लिया यू टर्न
इस मामले की शिकायत करने वाले नगर निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस, इंदौर की अदालत में अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि घटना के वक्त वे मोबाइल पर बात कर रहे थे, जब पलट कर देखा तो आकाश विजयवर्गीय बल्ला लेकर खड़े थे. 5 और लोग भी उनके साथ में थे. उन्हें नहीं पता कि उन्हें बल्ला किसने मारा था, क्योंकि बल्ला पीछे से चला था.
उन्होंने क्रॉस बयान में कहा कि उन्होंने आकाश विजयवर्गीय को बल्ला मारते हुए नहीं देखा था. विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला देखकर उन्होंने रिपोर्ट में उनका नाम लिखवा दिया था. कोर्ट अब इस मामले में 25 फरवरी को सुनवाई करेगी.
2019 की इस घटना में जेल गए थे विधायक
आपको बता दें कि 26 जून 2019 को इंदौर के गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान हुए विवाद में, भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का निगम के अधिकारियों से विवाद हो गया था. उनपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने नगर निगम के तत्कालीन भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस को क्रिकेट बैट से पीटा था.
इस घटना में, विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ पुलिस ने धारा 353, 294, 323, 506, 147 और 148 के तहत मामला दर्ज किया था और आकाश विजयवर्गीय गिरफ्तार भी हुए थे. कोर्ट से रिहा होने के बाद, आकाश विजयवर्गीय ने कहा था कि उनको अपने किए का कोई पछतावा नहीं है, उन्होंने जो किया वो सब सोच समझकर किया.
अब तक इस मामले की सुनवाई भोपाल के विशेष न्यायालय में चल रही थी. विशेष न्यायालय गठित होने के बाद, इंदौर में शुक्रवार को धीरेंद्र बायस का क्रॉस एग्ज़ामिनेशन हुआ था. अदालत की अगली तारीख को एक और कर्मचारी खरे का बयान लिया जाएगा.