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पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, शव लेने से परिवार ने किया इनकार, कहा- हमें...

रामगढ़ जिले में पुलिस कस्टडी में गुरुवार को एक दलित युवक की मौत हुई थी. थाने के बाथरूम में उसका शव फंदे से लटका मिला था. आरोप है कि युवक के परिजन को इसकी जानकारी भी नहीं दी गई. इससे आक्रोशित परिजनों ने पुलिस-प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया. परिवार का कहना है कि पुलिस ने हत्या की है. रामगढ़ जिला प्रशासन गंभीर नहीं है.

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रामगढ़ पुलिस की हिरासत में युवक की मौत.
रामगढ़ पुलिस की हिरासत में युवक की मौत.

झारखंड के रामगढ़ जिले में पुलिस कस्टडी में गुरुवार को एक दलित युवक की मौत हुई थी. इससे आक्रोशित परिजनों ने बेटे का शव लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें न्याय चाहिए. शव रामगढ़ पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा हुआ है. इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने मुख्यमंत्री से बात की. साथ ही वो मृतक के घर भी पहुंचे और मुआवजे को लेकर जिला प्रशासन से फोन पर बात की. 

दरअसल, रामगढ़ में चार दिन पहले चोरी का एक मामला सामने आया था. इसके बाद बुधवार शाम को पुलिस ने दलित युवक अनिकेत कुमार (19 साल) को हिरासत में लिया और पूछताछ कर रही थी. गुरुवार को थाने के बाथरूम में उसका शव फंदे से लटका मिला था. आरोप है कि युवक के परिजन को इसकी जानकारी भी नहीं दी गई.

यह भी पढ़ें: Gujarat Crime: धोखाधड़ी का केस, पुलिस कस्टडी में पिटाई और अस्पताल में मौत... PSI के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

इससे आक्रोशित परिजनों ने पुलिस-प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया. परिवार का कहना है कि पुलिस ने हत्या की है. रामगढ़ जिला प्रशासन गंभीर नहीं है. उधर, नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने भी रामगढ़ पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि बतौर मुआवजा जिला प्रशासन मृतक के परिवार को 15 लाख रुपये दे. 

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अमर बावरी ने कहा कि इस गठबंधन सरकार में यह दूसरी घटना हुई है. पहले राजमहल के थाने में देबू तुरी नाम के व्यक्ति की पीटकर हत्या हुई थी. इसके बाद अनिकेत के साथ ये हुआ. उसके माता-पिता पुलिस से मिले तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. परिजनों के काफी कहने पर पुलिस ने उन्हें पोस्टमार्टम हाउस भेजा, वहां उसकी बॉडी मिली. बॉडी देखने से लगता है कि काफी ज्यादा टॉर्चर करने से उसकी डेथ हुई है. पुलिस कह रही है कि उसने आत्महत्या की है. 

उन्होंने कहा, यहां के प्रबुद्धजनों द्वारा प्रेशर बनाने के बाद न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में इसकी जांच होगी. मैंने विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री जी से कहा है कि गरीब परिवार को न्याय मिलना चाहिए. मुआवजा भी मिलना चाहिए. पीड़ित परिवार के लिए 15 लाख रुपये की डिमांड की है. साथ ही जमीन देने के लिए भी कहा है. एसपी ने कहा है कि न्यायिक जांच के आदेश हो चुके हैं.

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