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झारखंड: वृद्धावस्था पेंशन दिलवाने के नाम पर महिला से मांगा 2 हजार रुपये और देहाती मुर्गा

झारखंड के गुमला में एक बुजुर्ग महिला को वृद्धावस्था पेंशन दिलाने के नाम पर प्रखंड कार्यालय पालकोट के एक नाजिर द्वारा दो हजार रुपये और एक देहाती मुर्गा मांगे जाने का मामला सामने आया है.

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महिला को पेंशन देने के बदले मुर्गा मांगे जाने का मामला सामने आया
महिला को पेंशन देने के बदले मुर्गा मांगे जाने का मामला सामने आया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वृद्धावस्था पेंशन दिलाने के नाम पर दो हजार व एक मुर्गा मांगा
  • सांवड़ी ने बताया कि एक साल पहले तक वृद्धा पेंशन मिलती थी

झारखंड के गुमला में एक बुजुर्ग महिला को वृद्धावस्था पेंशन दिलाने के नाम पर प्रखंड कार्यालय पालकोट के एक नाजिर द्वारा दो हजार रुपये और एक देहाती मुर्गा मांगे जाने का मामला सामने आया है. न्याय के लिए जिले के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा से वृद्धा पेंशन की शुरुआत करने के लिए मांग की.

यह मामला पालकोट प्रखंड की नाथपुर पंचायत अंतर्गत डहूडांड़ निवासी स्वर्गीय फिरन उरांव की 65 वर्षीय पत्नी सांवड़ी उरांईन का है. सांवड़ी को पिछले एक साल से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है. सांवड़ी वृद्धा पेंशन की मांग को लेकर कभी बैंक, कभी प्रखंड कार्यालय पालकोट तो कभी जिला मुख्यालय के कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं. इधर, बुधवार को सांवड़ी अपनी वृद्धावस्था पेंशन शुरू कराने की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय गुमला पहुंची थीं. 

सांवड़ी ने बताया कि एक साल पहले तक वृद्धा पेंशन मिलती थी. लेकिन, इधर एक साल से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है. बैंक जाने पर बैंक के कर्मचारी प्रखंड कार्यालय पालकोट भेजते हैं और पालकोट ब्लॉक जाने पर वहां दो हजार रुपये और एक देहाती मुर्गा मांगा जाता है. सांवड़ी ने बताया कि वह एक वृद्ध महिला हैं. पेंशन के पैसे से गुजारा चलता था. परंतु पिछले एक साल से पेंशन नहीं मिलने के कारण जीवन-यापन मुश्किल हो गया है.

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महिला ने वृद्धा पेंशन की शुरुआत की मांग की
महिला ने वृद्धा पेंशन की शुरुआत की मांग की

सांवड़ी ने बताया, ''प्रखंड कार्यालय में दो हजार रुपये और एक देहाती मुर्गा मांगा जाता है. मैं एक वृद्ध और लाचार महिला हूं. मेरे पास खुद के खाने के लिए न तो अन्न है और न ही पैसा है. ऐसी स्थिति में दो हजार रुपये और देहाती मुर्गा कहां से दूंगी?'' सांवड़ी ने बताया कि वृद्धा पेंशन बंद होने के बाद प्रखंड कार्यालय पालकोट का एक बार नहीं, बल्कि कई बार चक्कर लगा चुकी हूं. परंतु वहां से मेरी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, इसलिए उपायुक्त से गुहार लगाने आई हूं. अब उपायुक्त ही मेरी वृद्धा पेंशन शुरू करा सकते हैं.

वहीं, वृद्धा पेंशन में दो हजार और एक मुर्गा लेने की जानकारी जिले के उपायुक्त को दी गई तो उन्होंने पालकोट के प्रखंड विकास पदाधिकारी को त्वरित करवाई का आदेश देते हुए हुए वृद्ध को जल्द वृद्धा पेंशन की शुरुआत करने की बात कही.

 

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