जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से सांसद इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत की अवधि 12 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है. उनके वकील ने यह जानकारी दी है. पहले उन्होंने 2 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में वापस आकर सरेंडर करना था. इससे पहले उन्हें अदालत ने सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत दी थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राशिद की अंतरिम जमानत आगे बढ़ते हुए उन्हें 13 अक्टूबर को संबंधित जेल के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया है. राशिद के वकील ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था. जिसके बाद अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत को आगे बढ़ा दिया.
तिहाड़ जेल में बंद थे राशिद
टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया था. अदालत ने उन्हें 10 सितंबर को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत बांड भरने पर अंतरिम जमानत दे दी थी. अदालत ने उन पर कई शर्तें भी लगाईं थीं, जिनमें गवाहों या जांच को प्रभावित न करने के निर्देश भी शामिल थे. इससे पहले 5 जुलाई को अदालत ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पद की शपथ लेने के लिए राशिद को हिरासत में पैरोल दी थी.
NIA ने किया था गिरफ्तार
2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राशिद 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान इंजीनियर राशिद का नाम सामने आया था, जिसे एनआईए ने कथित तौर पर कश्मीर घाटी में आतंकवादी ग्रुप और अलगाववादियों को टेरर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. बता दें कि इंजीनियर रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था.
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. यासीन मलिक को आरोपों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.