जम्मू-कश्मीर के कटरा में अर्धकुमारी के पास माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर बुधवार को भारी बारिश के बीच हुए एक भयंकर भूस्खलन में करीब 35 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. रेस्क्यू टीमों का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि डर है कि मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं.
भारी बारिश ने जम्मू-कश्मीर में कहर मचाया हुआ है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन हुए हैं. जम्मू में कटरा से लेकर डोडा तक महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचा है. कई पुल टूट गए हैं और बिजली की लाइनें और मोबाइल टॉवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. लगातार भारी बारिश के कारण जिले में बाढ़ और जलजमाव के चलते अब तक 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है.

गुरुवार को बंद रहेंगे सभी स्कूल
शिक्षा मंत्री सकीना ईटू ने कहा कि खराब मौसम के कारण जम्मू-कश्मीर के स्कूल और कॉलेज गुरुवार को बंद रहेंगे. भारतीय वायुसेना ने बुधवार को जम्मू और उत्तर पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए छह हेलिकॉप्टर ऑपरेशन में शामिल किए. अधिकारियों के मुताबिक, गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से 38 सेना कर्मियों और 10 बीएसएफ कर्मियों को सुरक्षित निकालने के लिए हाई-स्टेक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
निचले इलाकों से निकाले गए लोग
आईएएफ का सी-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट राहत और बचाव सामग्री और एनडीआरएफ टीम के साथ जम्मू पहुंचा. रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि और विमान बचाव कार्यों में शामिल होने के लिए तैयार हैं. तेज बारिश के कारण हजारों लोग बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाए गए हैं. उत्तरी पंजाब के कुछ हिस्से भी बाढ़ की चपेट में हैं.

हेलिकॉप्टर से हो रहा रेस्क्यू
रक्षा मंत्रालय के नोट में कहा गया कि आईएएफ उत्तरी पंजाब और जम्मू क्षेत्र में बाढ़ और बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर व्यापक राहत और बचाव मिशन चला रही है. मंत्रालय ने कहा, 'नजदीकी बेस से पांच Mi-17 और एक चिनूक हेलिकॉप्टर को सर्विस में लगाया गया है, जिससे बचाव क्षमता और परिचालन पहुंच सुनिश्चित हुई है. अतिरिक्त हेलिकॉप्टर बचाव कार्यों में शामिल होने के लिए तैयार हैं.'
हवाई मार्ग से पहुंचाया जा रहा खाना
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू के अखनूर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 12 सेना कर्मियों और 11 बीएसएफ कर्मियों, जिनमें तीन महिला बीएसएफ कॉन्स्टेबल शामिल हैं, को सुरक्षित निकाला गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक आईएएफ स्रोत ने बताया कि बाढ़ से कटे हुए इलाकों में पीने का पानी और भोजन पैकेट हवाई मार्ग से पहुंचाए जा रहे हैं.

सैन्य कर्मियों को किया गया रेस्क्यू
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पठानकोट, पंजाब में आईएएफ हेलिकॉप्टरों ने 46 फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाला. 750 किलोग्राम से अधिक राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचाई गई. उच्च जोखिम वाले ऑपरेशन में डेरा बाबा नानक से 38 सेना कर्मियों और 10 बीएसएफ कर्मियों को 'खतरनाक परिस्थितियों' से निकाला गया. ऐसे कई मिशन क्षेत्र में जारी हैं.
जम्मू में पिछले 24 घंटों में 296.0 मिमी बारिश हुई, जिसने 9 अगस्त 1973 का रिकॉर्ड (272.6 मिमी) तोड़ दिया. उधमपुर में इसी अवधि में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले रिकॉर्ड 342.0 मिमी (31 जुलाई 2019) से लगभग दोगुनी है.
कई इलाकों में खराब हो सकता है मौसम
जम्मू और आसपास के इलाकों में तेज आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है. सबसे ज्यादा प्रभावित जगहों में जम्मू शहर, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कोट भलवाल, बिश्नाह, विजयपुर, पुर्मंडल और कठुआ व उधमपुर के कुछ हिस्से शामिल हैं. वहीं, रेयासी, रामबन, डोडा, बिलावर, कटरा, रामनगर, हीरानगर, गूल, बनिहाल और सांबा व कठुआ जिलों के आसपास के हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई.