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भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर JK स्टूडेंट एसोसिएशन ने छात्रों के लिए जारी की ये एडवाइजरी

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच से पहले JKSA ने कश्मीरी छात्रों को पढ़ाई और करियर पर ध्यान देने की सलाह दी. संगठन ने चेताया कि सोशल मीडिया पोस्ट या विवादों से परेशानी हो सकती है. नासिर खुहामी ने कहा कि खेल को खेल की तरह देखें और राजनीति या भावनाओं में न बहें. संगठन ने शांति, सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया.

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कल भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप में मुकाबला होगा- (File Photo: ITG)
कल भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप में मुकाबला होगा- (File Photo: ITG)

एशिया कप में होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले से पहले जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) ने कश्मीरी छात्रों के लिए विशेष सलाह जारी की है. एसोसिएशन ने कहा है कि छात्र इस मैच को खेल की भावना से देखें और किसी भी तरह की सोशल मीडिया गतिविधि से बचें, जिससे उन्हें परेशानी हो सकती है.

पढ़ाई और करियर को रखें प्राथमिकता
एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहामी ने कहा कि छात्र खेल को खेल की तरह लें और अपनी पढ़ाई व करियर पर ध्यान दें. उन्होंने कहा, “छात्र घर से दूर सिर्फ पढ़ाई और भविष्य बनाने के लिए आए हैं. उनके परिवारों ने इसके लिए बड़े त्याग किए हैं. पिता ने कड़ी मेहनत की है, भाई ने कर्ज लिया है, बहनों ने गहने बेचे हैं और मां रोज उनकी सलामती के लिए दुआ करती हैं.”

पहले भी छात्रों पर हुई कार्रवाई
खुहामी ने चेतावनी दी कि पिछले भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के दौरान कई कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पोस्ट और बहस में शामिल होने के चलते हिरासत में लिया गया, गिरफ्तार किया गया या केस दर्ज किया गया. इन घटनाओं से छात्रों की पढ़ाई और करियर पर गंभीर असर पड़ा.

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सोशल मीडिया बहस से रहें दूर
एसोसिएशन ने छात्रों को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया पर बहस, पोस्ट या किसी भी तरह की ऑनलाइन गतिविधि में शामिल न हों. एसोसिएशन ने कहा, “छात्र खेल का आनंद खेल भावना से लें और अनावश्यक विवादों से दूर रहें.”

राजनीतिक और भावनात्मक माहौल में बरतें सतर्कता
खुहामी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच के राजनीतिक और भावनात्मक मायने गहरे हैं. ऐसे में किसी भी टीम के लिए खुलकर समर्थन करने से छात्र मुश्किल में पड़ सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि वे सतर्क रहें और अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.

खेल को बनाएं भाईचारे और शांति का प्रतीक
एसोसिएशन ने कहा कि खेल मनोरंजन के साथ-साथ भाईचारा, अनुशासन और शांति का संदेश भी देते हैं. खुहामी ने कहा, “यह मैच विभाजन का कारण नहीं, बल्कि खेल भावना का उत्सव होना चाहिए.” 

पहलगाम हमले की याद
एसोसिएशन ने याद दिलाया कि इसी साल पहलगाम आतंकी हमले ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया था. इसके बाद भी देशभर में कश्मीरी छात्रों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसलिए इस संवेदनशील समय में शांति और सौहार्द बनाए रखना जरूरी है.

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