जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को बालटाल बेस कैंप से हरी झंडी दिखाकर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को पवित्र गुफा के लिए रवाना किया. 62 दिवसीय तीर्थयात्रा को गांदरबल के उपायुक्त श्यामबीर ने बालटाल बेस कैंप से हरी झंडी दिखाई और इस दौरान श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
वहीं 4,400 से अधिक तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था शनिवार को एक सुरक्षित काफिले में जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना किया गया. इससे पहले शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू बेस कैंप से 3,488 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया था.
12 किमी की है यात्रा
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित बालटाल अमरनाथ यात्रा के दो मार्गों में से एक है. दूसरा मार्ग दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम वाला है. तीर्थयात्री बेस कैंप से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक 12 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. उपायुक्त श्यामबीर ने बताया कि बेस कैंपों में लगभग 6,000 यात्री पहुंचे हैं. उन्होंने कहा, 'मैं कामना करता हूं कि यात्रा सुचारू रूप से चले. मैं यात्रियों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने आरएफआईडी कार्ड साथ रखें.'
श्यामबीर ने बताया कि स्वयंसेवकों और पर्वतीय बचाव दल को ट्रैक पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर यात्री उनकी मदद ले सकते हैं. अधिकारी ने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों के समर्थन के बिना यात्रा संभव नहीं होगी. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को जम्मू बेस कैंप से 3,488 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
क्या करना चाहिए?
>हर यात्री को यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्धारित स्थानों से अपना आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करना होगा.
>सभी यात्रियों को यात्रा के दौरान हर समय एसएएसबी द्वारा जारी आरएफआईडी कार्ड पहनना अनिवार्य है.
>यात्रा के दौरान को आरामदायक कपड़े और ट्रैकिंग जूते पहनने की सलाह दी गई है.
>यात्रियों को सलाह दी गई है कि चढ़ाई के वक्त धीरे-धीरे चलें और खुद को वातावरण अनुकूलित करने के लिए समय लें.
>यात्रियों को खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.
>यदि किसी यात्री को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो तो उसे निकटतम मेडिकल हेल्प से संपर्क करना चाहिए.
यात्रा के दौरान क्या नहीं करें?
>यात्रियों को अपनी क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचना चाहिए और रास्ते में आराम के लिए बार-बार ब्रेक लेना चाहिए.
>आरएफआईडी कार्ड के बिना किसी भी यात्री को यात्रा नहीं करनी चाहिए.
>यात्रियों को ट्रैकिंग के रास्ते पर कूड़ा-करकट फैलाने से बचना चाहिए.
>वहीं, यात्रियों को खाली पेट यात्रा शुरू नहीं करने की सलाह दी गई है.
>यात्रियों को शराब, कैफीन या धूम्रपान नहीं करने की सलाह दी गई है.
>यात्रियों को ट्रैकिंग के दौरान कोई छोटा रास्ता अपनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए. ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
यात्रा के लिए अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपना पंजीकरण कराया है. यात्रा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं. बालटाल और पहलगाम मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि नए सुरक्षा पिकेट स्थापित किए गए हैं. तीर्थयात्रा का समापन 31 अगस्त को होगा.