हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों ने गर्भवती गाय के पेट से 28 किलो प्लास्टिक, कपड़े, रस्सियां और 41 लोहे की कीलें निकालीं. यह जटिल सर्जरी बरनोह स्थित जोनल वेटरनरी अस्पताल में शनिवार को अस्पताल प्रभारी डॉ. निशांत रानौत की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने की.
डॉ. रानौत ने बताया कि गाय पिछले चार-पांच दिनों से खाना-पीना छोड़ चुकी थी. स्थानीय निवासी विपिन कुमार और कुछ लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया. प्रारंभिक जांच के दौरान डॉक्टरों को संदेह हुआ कि उसके पेट में अनैसर्गिक वस्तुएं हो सकती हैं. इसके बाद विभिन्न परीक्षण किए गए और सर्जरी का निर्णय लिया गया. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने 28 किलो प्लास्टिक, कपड़े, रस्सियां और 41 कीलें पेट से बाहर निकालीं.
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डॉ. रानौत ने कहा कि फिलहाल गाय की हालत स्थिर है और अगले सात दिनों तक पशु चिकित्सकों की निगरानी में उसका इलाज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब तक इस अस्पताल में 53 जटिल सर्जरी, जैसे बड़े डायाफ्रामेटिक हर्निया, सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं. यहां बड़े जानवरों के लिए आधुनिक सुविधाएं जैसे ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और हर प्रकार की सर्जरी उपलब्ध है, जिसकी वजह से यह अस्पताल क्षेत्र का प्रमुख पशु उपचार केंद्र बनकर उभरा है.
पशुपालन विभाग ऊना के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. वीरेंद्र पटियाल ने इस सफल ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक कचरा, लोहे की कीलें और अन्य अपशिष्ट खुले में न फेंके. उन्होंने कहा कि कचरे का उचित निस्तारण ही पर्यावरण और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है.