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जानिए, ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेलेक्ट हुईं हरियाणा की तीन बहनों की कहानी, खेलने पर मिलते थे ताने

Haryana News: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में तीन सगी बहनों ने इतिहास रच दिया है. उनका ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है. यह प्रतियोगिता 21 अप्रैल से साउथ कोरिया में आयोजित होगी.

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ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सेलेक्ट हुईं तीनों बहनें
ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सेलेक्ट हुईं तीनों बहनें
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरियाणा के गुरुग्राम की 3 सगी बहनों का कमाल
  • ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुईं सेलेक्ट

Haryana News: दिल्ली से सटे गुरुग्राम के वजीराबाद गांव की तीन सगी बहनों ने मेडल जीत कर ही नहीं बल्कि अपनी मेहनत के दम पर ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप में चयनित होकर इतिहास रच दिया है. इस चैंपियनशिप का आगाज 21 अप्रैल से साउथ कोरिया में होने जा रहा है जिसमें भारत से करीब 24 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं.

ग्रामीण इलाके की चुनौतियों के बीच 3 सगी बहनों ने सीनियर लेवल पर ताइक्वांडो में चयनित होकर हरियाणा का नाम रौशन किया है. गीता, प्रिया और रीतू तीन सगी बहनें हैं. गुरुग्राम के गांव वजीराबाद तीनों बहनें अपने परिवार के साथ रहती हैं. जितेंद्र यादव की 4 बेटियां और एक बेटा है. पांचों बच्चे खेल से जुड़ें हैं. तीन बेटियां साउथ कोरिया में 21 अप्रैल से होने वाली ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलेंगी जबकि नेशनल बेस बॉल में एक छोटी बेटी लवली और बेटा लक्ष्य खेल चुका है. परिवार के लिए गर्व की बात है कि तीनों बहनों का एक ही खेल में एक साथ वर्ल्ड लेवल की प्रतियोगिता में सलेक्शन हुआ है.

गुरुग्राम की ये तीनों बेटियां डिस्ट्रिक्ट लेवल और स्टेट लेवल के साथ-साथ नेशनल और इंटरनेशन लेवल की प्रतियोगिता में कई गोल्ड और सिल्वर के साथ-साथ कांस्य पदक जीत चुकी हैं. ताइक्वांडो में गीता ने डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर 84 मेडल जीते हैं और नेशनल लेवल में 8 मेडल हासिल किए हैं जबकि इंटरनेशन में एक सिल्वर मेडल जीता है. वहीं, प्रिया ने 2 मेडल इंटरनेशनल लेवल पर डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल प्रतियोगिता में 50 मेडल हासिल किए हैं जबकि यूनिवर्सिटी में 1 मेडल हासिल किया है. रितु ने जिला और राज्य स्तर पर प्रतियोगिता में 60 मेडल हासिल किए हैं जबकि 3 मेडल नेशनल लेवल पर जीते हैं.

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प्रिया, गीता और रितु ताइक्वांडो वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटी हुई हैं. दिन-रात मेहनत कर देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. इनके पिता जितेंद्र यादव और मां मनीषा भी इस पूरे खेल में उनका सहयोग करती हैं. पिता का सपना है कि उनके पांचों बच्चे देश के लिए खेलें और देश के लिए मेडल लाकर देश का नाम रोशन करें.

रितु, प्रिया और गीता को इस मुकाम तक पहुंचाने में परिवार को कई बड़ी चुनौतियां का सामना भी करना पड़ा. ग्रामीण इलाका होने के चलते माता-पिता को ताने मिलते थे. लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को खेलने से नहीं रोका. उन्होंने हमेशा उनका साथ किया. नतीजा यही है कि आज चारों बेटियां और एक बेटा खेल के मार्फत ना केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरा देश का नाम रोशन कर रहे हैं.


 

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