हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पुलिस हिरासत के दौरान हुई एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है. हत्या के आरोप में गिरफ्तार सुलतानपुर निवासी विनोद ने मॉडल टाउन थाने के लॉकअप में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. उसके साथ बंद दूसरा आरोपी शन्नी यादव पास में ही सोता रहा. इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
कंबल से लगाई फांसी
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, शनिवार देर रात आरोपी विनोद और शन्नी लॉकअप में सो रहे थे. इसी दौरान विनोद ने जिस कंबल पर सोया था, उसकी झिरक को उधेड़ लिया और मौका पाकर उसे लॉकअप के अंदर लगे लोहे की जाल में डालकर फांसी लगा ली. बताया जा रहा है कि विनोद ने चद्दर ओढ़ रखी थी, जिससे शन्नी को भनक तक नहीं लगी और वह सोता रहा.
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कोर्ट से रिमांड पर आए थे दोनों आरोपी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में राकेश हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार विनोद और शन्नी को कोर्ट में पेश किया गया था. दोनों को पुलिस रिमांड पर लिया गया था और मॉडल टाउन थाने के लॉकअप में रखा गया था.
3 सितंबर को हुई थी राकेश की हत्या
डीएसपी सुरेंद्र श्योराण ने बताया कि 3 सितंबर को जोनपुर निवासी राकेश की हत्या के मामले में विनोद और शन्नी को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी और मृतक राकेश एक ही कमरे में किराए पर रहते थे. कमरा खाली करने को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद तीनों ने साथ बैठकर शराब पी. इसी दौरान झगड़ा बढ़ा और विनोद व शन्नी ने मिलकर राकेश की हत्या कर दी. पुलिस ने शनिवार को दोनों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी.
रविवार सुबह आत्महत्या से सनसनी
गिरफ्तारी के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे कि रविवार सुबह विनोद ने लॉकअप में आत्महत्या कर ली. सूचना मिलते ही थाने और पुलिस लाइन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में विनोद के शव को रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया. पुलिस ने कहा कि मृतक का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कराया जाएगा.
परिजनों का आक्रोश और मुआवजे की मांग
विनोद के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मृतक का साला सुभम ने कहा कि विनोद को बावल थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने पकड़ा था. लेकिन हिरासत में ही उसकी मौत होना पुलिस की बड़ी लापरवाही है. परिजनों ने कहा कि विनोद की पत्नी कैंसर से पीड़ित है और उसकी दो छोटी बेटियां हैं. ऐसे में सरकार को पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देना चाहिए.
पुलिस पर उठे सवाल
लॉकअप में हुई आत्महत्या ने मॉडल टाउन थाने की सुरक्षा और पुलिस की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह सवाल उठ रहा है कि आखिर आरोपी ने लॉकअप में ऐसा कदम कैसे उठा लिया, जबकि पुलिस की जिम्मेदारी हिरासत में आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करना होती है. फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर पुलिस कस्टडी में ऐसी मौतें क्यों होती हैं और क्या यह लापरवाही का परिणाम है या फिर कोई और वजह?
रेवाड़ी पुलिस प्रशासन ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के कारणों की पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी. लेकिन इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं, बल्कि मृतक के परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है.