हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने अब नया आवेदन देकर पुलिस से बड़ी मांग की है. अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाना प्रभारी को पत्र लिखकर कहा है कि सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम दर्ज हैं, उन्हें एफआईआर के 'सस्पेक्ट कॉलम' (संदिग्ध कॉलम) में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा है कि इन अधिकारियों के नाम केवल उल्लेख मात्र न रहें, बल्कि उन्हें जांच के दायरे में लाया जाए.
मौत के चार दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं
अमनीत पी कुमार का यह कदम उस समय सामने आया है जब उनके पति, हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार की मौत के चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन परिवार ने अब तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है. शव अभी भी सेक्टर-16 के अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. परिवार का कहना है कि जब तक न्याय की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
आईपीएस पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले 9 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 12 वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे. इस सुसाइड नोट के आधार पर सेक्टर-11 थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन परिवार का आरोप है कि इसमें आरोपियों के नाम सिर्फ 'नामजद' के रूप में जोड़े गए हैं, 'संदिग्ध के रूप में नहीं.
पत्नी अमनीत पी कुमार ने दिया नया आवेदन
अमनीत पी कुमार ने अपने ताजा आवेदन में लिखा है कि यह मामला सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि लगातार मानसिक शोषण का परिणाम है, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए सभी नामित अफसरों को संदिग्ध सूची में रखा जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो परिवार आगे कानूनी कदम उठाने को मजबूर होगा.
इस बीच, चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा सरकार पर कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही परिवार से मिल चुके हैं, लेकिन परिवार अब 'पहले न्याय, फिर अंतिम विदाई' की मांग पर अड़ा हुआ है.