हरियाणा में हिंसा के लिए कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राम रहीम के मामले को डील करने में सरकार नाकाम रही और कार्रवाई करने में भी विफल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार पहले से ही कदम उठाती तो यह मामला होता ही नहीं. जाट आरक्षण हो चाहे संत रामपाल के दौरान हुई हिंसा सभी मामलों से निपटनी में सरकार की नाकामी साफ तौर पर जाहिर है.
पूर्व सीएम भूपिंदर सिहं हुड्डा ने कहा कि इससे पहले जाट आरक्षण में प्रकाश सिंह की रिपोर्ट आई तो उन्होंने राज्य के सीएम और प्रशासन को दोषी माना था लेकिन रिपोर्ट का कुछ नहीं किया गया. अब इस पूरे मसले को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता इसलिए सरकार को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सामूहिक तौर पर अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.
हरियाणा में बीते दिनों हुई हिंसा पर हुड्डा ने कहा कि सरकार से लोगों का विश्वास उठ गया है. जगह-जगह दुकानें बंद हैं, राज्य में डर का माहौल है और लोग भयभीत है क्योंकि प्रशासन और सत्ता पर लोगों का भरोसा उठ चुका है. उन्होंने कहा कि कभी हरियाणा देश का नंबर एक राज्य था लेकिन उसको मौजूदा सरकार ने इस स्थिति पर पहुंचा दिया है जहां मीडिया के लोग तक सुरक्षित नहीं हैं, लोग सड़कों पर मर रहे हैं.
वहीं हरियाणा से ही कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार पूरी तरह स्थिति से निपटने में नाकाम साबित हुई है. यह तीसरा बड़ी विफलता है, सरकार को इसकी जवाबदेही लेनी ही चाहिए. सरकार को नैतिकता के आधार पर जिम्मेदारी लेनी चाहिए, हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि वह सही दिशा में कदम ले और हरियाणा सरकार को तुरंत बर्खास्त करे. सीएम को बीजेपी की ओर से क्लीन चिट पर हुड्डा ने कहा कि यह अफसोसजनक है लेकिन सीएम को हरियाणा के लोग क्लीन चिट देने के लिए तैयार नहीं है.