
गुजरात में नर्मदा जिले में ट्रेकिंग करने गए पांच सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स जंगलों में भटक गए. चार घंटे से ज्यादा समय जंगल ने भटकने के बाद एक युवक ने अपनी मां को कॉल कर पूरी बात बताई.उनकी मां ने तेलंगाना से ट्वीट किया जिसके बाद राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने तुरंत पुलिस की मदद से युवक को जंगल से बाहर निकाला.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मूल निवासी पांच युवक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के एरिया में नर्मदा जिले के जरवानी के पास वन क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए गए थे.वे गूगल मैप्स के जरिए तुंगई हिल की लोकेशन के लिए ट्रैक कर रहे थे. लेकिन गूगल मैप में गलत रास्ता दिखाए जाने के चलते वे भटक गए.

उन लोगों ने सुबह के समय, जरवानी गांव के भांगड़ा फलिया के पास बाइक छोड़कर गूगल मैप्स के जरिए तुंगई हिल की चढ़ाई शुरू की.वे लगभग 2:30 बजे हिल पहुंचे और रास्ता भटक गए.हितेश सुरेश पेनमुसु, हिमतेज वारा प्रसाद वल स्वामी, विकियात नागेश्वर राव चिलियाला, लिखित चेतन्य मेका और सुशील रमेश भंडारू जंगल में भटके तो उनमें से एक ने अपनी मां को कॉल कर इस बारे में बताया. तभी टीडीपी तेलंगाना की पूर्व राज्य संगठन सचिव उसकी मां सुभाषिनी ने अपने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके लिखा कि गुजरात के जंगल में मेरे बेटे सहित उसके पांच दोस्त ट्रैकिंग के दौरान रास्ते से भटक गए हैं. इसके बाद गुजरात सरकार के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने भी मदद का आश्वासन दिया और स्थानीय लोगों को तुरंत सूचित किया गया.
जब घटना की सूचना नर्मदा पुलिस को दी गई, तो नर्मदा पुलिस ने पांचों युवकों का पता लगा लिया और आखिरकार उन्हें ढूंढ लिया गया. युवकों ने बताया कि वे यहीं रहते हैं और वडोदरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं.उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस, स्थानीय ग्रामीणों और वन विभाग ने हमारी बहुत मदद की.उन्होंने हमें चाय-नाश्ता तो कराया ही, साथ ही हमारे लिए सारी व्यवस्थाएं भी कीं और हमें यहां तक पहुंचाया.

बचाए गए छात्रों ने गुजरात पुलिस और उनकी मदद करने वाले स्थानीय लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि अब वे सुरक्षित हैं. यह पोस्ट करने वाली महिला ने भी गुजरात पुलिस समेत पूरी टीम का आभार व्यक्त किया है.गुजरात पुलिस की जीपी-स्मैश टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके एक बार फिर आपात स्थिति में नागरिकों को तत्काल सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता साबित की है.
पुलिस ने बताया कि अच्छा हुआ युवक जंगल में भटके तो समय पर उन्होंने अपनी मां से बात करके मदद मांगी. क्योंकि अगर रात हो जाती और मोबाइल नेटवर्क चला जाता तो और भी दिक्कत होती ,लेकिन यह घटना बताती है कि गूगल मैप के चलते कई बार बड़ी गड़बड़ी हो जाती है.