गुजरात के अहमदाबाद में नगर निगमों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अंडे और नॉनवेज के ठेले को बैन लगाने के फैसले पर गुजरात हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. दरअसल, अहमदाबाद और उसके बाद राजकोट, भावनगर, वडोदरा, और जूनागढ़ में नगर निगम ने सार्वजनिक स्थानों पर अंडे और नॉनवेज के ठेलों पर बैन लगा दिया था. हाईकोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पूछा कि कौन क्या खाएगा, ये तय करने का हक प्रशासन को किसने दिया?
दरअसल, स्ट्रीट वेन्डर एसोसिएशन ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अंडे और नॉनवेज के ठेले पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए इसी पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को फटकार लगाई.
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा की, इंसान जब खुद के घर से बाहर जाता हे तो वो क्या खाएगा वो म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन कैसे तय कर सकता हैं. म्युनिसिपल कमिश्नर या अधिकारियों को किसने इस तरह का अधिकार दिया है.
हाईकोर्ट ने कहा कि, इंसान क्या खाता है, क्या पीता है, वो उसकी खुद की पसंद पर रहता है. इंसान के खाने पीने की पसंद को सत्ता पक्ष के विचार के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. प्रशासन की मर्जी के मुताबिक वो लोगों को परेशान करे ये नहीं चल सकता. कोर्ट ने इस मामले में अहमदाबाद नगर निगम से जवाब मांगा है.
वहीं, अधिकारियों को तलब होने के बाद अहमदाबाद नगर निगम आनन फानन में हाईकोर्ट पहुंचा और कहा कि इस फैसले का मकसद अतिक्रमण को हटाने का था. किसी को परेशान करने के लिए यह फैसला नहीं किया गया.