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दिल्ली एम्स में इलाज के लिए फ्री में बनेगा स्मार्ट कार्ड… अब नहीं होगा कैश निकालने और UPI का झंझट

खास बात ये है कि बनने के बाद ये कार्ड 5 साल तक वैध रहेगा और बिना किसी फीस के बनाया जाता है. यानी कार्ड बनवाने के कोई पैसे नहीं लगते हैं. अस्पताल के हर काउंटर पर ये कार्ड बनाया जा रहा है. इसमें एक बार में जितनी चाहें, उतनी राशि डाल सकते हैं. जितनी बार कार्ड से लेन-देन होगा, उतनी बार फोन पर OTP आएगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

दिल्ली एम्स में रोजाना हजारों की तादाद में मरीज इलाज कराने पंहुचते हैं. ऐसा कोई दिन नहीं होता एम्स में मरीजों कि लंबी कतारें न लगी हों. इसलिए एम्स प्रशासन मरीजों की सहूलियत के लिए अक्सर कोई न कोई नया कदम उठाता रहता है. इसी कड़ी में अब एम्स ने डिजिटल भुगतान और कैशलेस लेने-देन के लिए एक स्मार्ट कार्ड लॉन्च किया है.

अगर आप भी दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते हैं, तो आप जानते होंगे कि स्मार्ट कार्ड कैसा होता है. ठीक ऐसा ही एम्स का भी स्मार्ट कार्ड बनाया गया है. साल 2024 की शुरुआत में ही इस कार्ड को लॉन्च किया गया था, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को पैसों का लेन-देन करने में दिक्कत न हो. 

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पांच साल तक वैलिड रहेगा कार्ड 

खास बात ये है कि बनने के बाद ये कार्ड 5 साल तक वैध रहेगा और बिना किसी फीस के बनाया जाता है. यानी कार्ड बनवाने के कोई पैसे नहीं लगते हैं. स्मार्ट कार्ड की सुविधा कि जानकारी देते हुए पीआईसी मीडिया सेल इंचार्ज डॉ. रीमा दादा बताती हैं कि ये स्मार्ट कार्ड के जरिए बड़ी तादाद में मरीजों को मदद मिलेगी. 

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उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए एम्स ने इसकी शुरुआत की है. अब अगर कोई मरीज एम्स आता है, तो उसके परिजनों को जगह-जगह कैश निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. न ही उन्हें यूपीआई के जरिए भुगतान करना पड़ेगा. वो एक बार एम्स पहुंच के एक स्मार्ट कार्ड लेंगे और हर प्वाइंट पर उसके जरिए पेमेंट कर सकेंगे.

हर काउंटर पर बन रहा है कार्ड

स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल और इसको बनाने का प्रोसेस भी काफी आसान है. अस्पताल के हर काउंटर पर ये कार्ड बनाया जा रहा है. इसको बनवाना बहुत आसान है. मरीज या उनके परिजन अपनी यूनिक आइडेंटिटी नंबर के जरिए ये स्मार्ट कार्ड बनवा सकते हैं. UID नंबर डालने के बाद ये मोबाइल फोन से लिंक होता है और इसी नंबर पर OTP आता है.

जितनी बार कार्ड से लेन-देन होगा, उतनी बार फोन पर OTP आएगा है. ये OTP इस बात की पुष्टि करता है कि कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. एम्स आने वाले लोग एक बार में इस कार्ड में जितना चाहे उतना रिचार्ज कर सकते हैं. स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल मरीज और उनके परिजन कर सकते हैं और जब उन्हे कार्ड वापस करना हो, तो काउंटर पर अपना कार्ड जमा करके उसमें मौजूद पैसे वापिस ले सकते हैं.

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कार्ड खोने पर भी नहीं होगी परेशानी

अगर किसी परिस्थित में मरीज का कार्ड खो जाता है, तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल, कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त मोबाइल नंबर पर एक OTP भी आता है. ऐसे में इसका गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. अगर किसी का कार्ड खो जाता है, तो वो इसकी जानकारी अस्पताल को दे सकता है. उनके कार्ड में मौजूदा राशि उन्हें रिफंड कर दी जाएगी.

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