
दिल्ली में रामलीला को लेकर घमासान शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर भारत मंडपम में रामलीला के आयोजन के लिए परमिशन नहीं देने का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि AAP को भारत मंडपम में रामलीला को अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सस्ती राजनीति कर रहा है. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे इतने निचले स्तर पर गिरेंगे.
दिल्ली के संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित रामलीला 20-21 और 22 जनवरी को होनी थी. उन्होंने कहा कि कोई भी ग्रंथ नहीं कहता कि भगवान राम तभी आशीर्वाद देंगे, जब आप पीएम मोदी के साथ उनकी पूजा करेंगे. कोई भी धार्मिक ग्रंथ ये कहता कि अरविंद केजरीवाल को PM मोदी के साथ मंदिर जाना होगा, तभी उन्हें भगवान राम का आशीर्वाद मिलेगा. यहां तक कि शंकराचार्य भी 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जा रहे हैं. उन्हें ऐसा नहीं कहा जा सकता कि वह हिंदू विरोधी हैं.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि श्रीराम का आशीर्वाद 22 जनवरी और उसके बाद भी मंदिर में जाने पर मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या अरविंद केजरीवाल ने INDIA गठबंधन के नेताओं के दबाव में अयोध्या जाना स्थगित किया है, तो उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन की सहयोगी पार्टियों की ओर से कोई दबाव नहीं है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने का कोई सोचा-समझा कदम नहीं है. जिस तरह श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थस्थल पर ले गए थे, उसी तरह अरविंद केजरीवाल भी अपने परिवार और माता-पिता को अयोध्या ले जाना चाहते हैं.
20 जनवरी से तीन दिन तक होगा रामलीला का मंचन
केजरीवाल सरकार शनिवार (20 जनवरी) से तीन दिवसीय भव्य रामलीला का आयोजन करने जा रही है. ITO के पास स्थित प्यारेलाल ऑडिटोरियम में 22 जनवरी तक होने जा रही रामलीला सभी के लिए निःशुल्क है. श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा शाम 4 से 7 बजे तक रामलीला का लाइव मंचन किया जाएगा. सरकार ने अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग रामलीला मंचन का आनंद उठाएं. दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले हमने प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में भव्य रामलीला मंचन की अनुमति मांगी थी, किराया भी दे रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी.