देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषित हवा एक बड़ी समस्या है. इस बीच साउथ दिल्ली इलाके में हजारों पेड़ काटने के मामले ने आम लोगों की चिंता को काफी बढ़ा दिया है. हाईकोर्ट में मामला पहुंचने और पेड़ों की कटाई 4 जुलाई तक रोके जाने के बाद 'आजतक' की टीम ने नेताजी नगर में चल रहे NBCC प्रोजेक्ट का रिएलिटी चेक किया.
'आजतक' की टीम ने साउथ दिल्ली के नेताजी नगर से पेड़ों को काटने के एवज में लगाए जाने वाले पौधों की खोज शुरू की. पूरे इलाके में कई साल पुराने पेड़ काटे गए हैं, इनमें खासतौर पर नीम के पेड़ शामिल हैं. नेताजी नगर के पार्क और अन्य जगहों पर अब भी काटे हुए पेड़ के हिस्से देखे जा सकते हैं. हालांकि जिस इलाके में हम मौजूद थे वहां आसपास कहीं भी पेड़ काटने के पहले या बाद में लगाये गए पौधे नजर नहीं आये.
आपको बता दें कि नेताजी नगर में कुल 2294 हरे पेड़ काटने की अनुमति दी गयी थी. अनुमति के मुताबिक इसके पहले फेज में 856 पेड़ काटे जाने थे लेकिन सिर्फ 202 पेड़ ही काटे गए. अनुमति का नोटिफिकेशन 23 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था. साथ ही एनजीटी ने यह भी आदेश दिया था कि 1 पेड़ काटने की एवज में 10 पौधे लगाए जाएं.
इस बीच NBCC ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक बयान जारी कर अपने ही ठेकेदारों को हिदायत दी है.
पेड़ काटने के साथ- साथ NBCC प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में पुराने मकान तोड़े जा रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मकान तोड़ने के बाद मलवे को खुले में रखा गया है. जबकि एनजीटी ने मलवे को ग्रीन कवर करने का आदेश दिया है. इतने बड़े प्रोजेक्ट में नियमों की अनदेखी की जा रही है."Have instructed all contractors carrying out Redevelopment of 3 colonies in Delhi by NBCC, not to cut any trees. In the event of any breach, they will be held responsible for all consequential damages arising there from"- Dr. A K Mittal, CMD, NBCC #NBCCBuildsIndia @MoHUA_India
— OfficialNBCC (@OfficialNBCC) June 26, 2018
My Right To Breathe टीम से जुड़ीं मीनाक्षी नाथ ने आजतक की टीम के साथ इस इलाके का दौरा किया. मीनाक्षी पर्यावरण की जानकार भी हैं. मीनाक्षी नाथ ने बताया की पेड़ काटने के बाद बाकी मकानों को तोड़ा जायेगा जिससे हवा में और आसपास के इलाकों में पीएम 10 का स्तर बढ़ जायेगा. जो लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

'आजतक' की पड़ताल से यह साफ हुआ कि आम लोगों के विरोध के बावजूद NBCC प्रोजेक्ट के ठेकेदार धड़ल्ले से नियम और कानून की अनदेखी कर रहे हैं. इस लापरवाही में सरकार और एजेंसियां भी उतनी ही जिम्मेदार हैं क्योंकि कोर्ट के आदेश के बाद कानूनी कार्रवाई जैसा सख्त कदम उठाने की बात अबतक सामने नहीं आई है.