गुरू अपने शिष्य को आगे बढ़ते देखना चाहता है. लेकिन क्या कोई टीचर बच्चे को अपराधी साबित करने की भी साजिश कर सकता है? वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके पिता फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हों? दिल्ली के आनंद पर्वत में रामजस स्कूल के प्रिंसिपल पर कुछ इसी तरह के आरोप लग रहे हैं और इंटरनेट पर इसी सिलसिले में वायरल हुए ऑडियो क्लिप के बाद उनपर शक गहरा गया है.
ऑडियो क्लिप में क्या है?
ऑडियो क्लिप में प्रिंसिपल संध्या बिंदल कथित तौर पर संदीप गोठवाल नाम के अभिभावक से बात करते हुए सुनी गई हैं. आरोपों के मुताबिक वो गोठवाल से 14 साल के एक छात्र को फंसाने की साजिश का जिक्र कर रही हैं. कहा जा रहा है कि बिंदल दूसरे छात्रों की मदद से इस बच्चे के बैग में पटाखे, चाकू और सिगरेट रखवाना चाहती थीं ताकि उसे स्कूल से निकाला जा सके. नियमों के मुताबिक स्कूल प्रशासन 14 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता. बच्चे के पिता मुकेश का आरोप है कि प्रिसिंपल उनके बेटे के 14 साल का होने के इंतजार में थीं. उसने 2 अप्रैल को 14वां जन्मदिन मनाया. हालांकि मुकेश ने प्रिंसिपल के डर से पहले ही बच्चे का नाम स्कूल से कटवा लिया था.
फीस बढ़ोत्तरी के विरोध की सजा?
मुकेश रामजस स्कूल के पेरेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन के सेक्रेटरी हैं. वो अक्सर स्कूल में फीस बढ़ोत्तरी का विरोध करते रहे हैं. उनका आरोप है कि इसी वजह से उनके बेटे को निशाना बनाया गया है. मुकेश का दावा है कि संदीप गोठवाल ने खुद ही ये ऑडियो रिकॉर्डिंग उन्हें सौंपी है.
प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई नहीं
मुकेश शर्मा के मुताबिक अभिभावक कई बार प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं. कुछ टीचर्स भी इस मामले को लेकर थाने में शिकायत कर चुके हैं. इसके बावजूद प्रिंसिपल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जब मुकेश ने शिक्षा विभाग से शिकायत की तो डिप्टी डायरेक्टर ने मामले की जांच करवाई. जांच में छात्रों पर ज्यादती की बात सामने आई. डिप्टी डायरेक्टर ने स्कूल के चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी. इसके बावजूद प्रिंसिपल का कुछ नहीं बिगड़ा.
क्या कहती हैं प्रिंसिपल?
दूसरी ओर, प्रिंसिपल संध्या बिंदल ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. उनका कहना है कि ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ हुई है. स्कूल मैनेजमेंट इस मामले को लेकर खामोश है.