दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने हिंदू देवी-देवताओं पर भारतीय पेंटर एमएफ हुसैन की दो विवादास्पद पेंटिंग प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली आर्ट गैलरी और उसके निदेशकों के खिलाफ एफआईआर की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि यह कानून है कि धारा 175(3) बीएनएसएस के तहत मजिस्ट्रेट को पुलिस को मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश देने का अधिकार है, लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.
अदालत ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि मामले के सभी तथ्य और परिस्थितियां शिकायतकर्ता की जानकारी में हैं. दिल्ली आर्ट गैलरी की सीसीटीवी फुटेज, एनवीआर और संबंधित पेंटिंग पहले ही जब्त कर ली गई हैं. अदालत की राय में इस स्तर पर जांच एजेंसी की ओर से आगे की जांच और सबूत इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी सबूत शिकायतकर्ता के पास हैं और रिकॉर्ड में भी हैं.
अदालत ने प्रस्तावित आरोपी व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि अब इस मामले को शिकायत के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अदालत को बताया कि कलाकार एम एफ हुसैन द्वारा हिंदू देवी-देवताओं को चित्रित करने वाली पेंटिंग जब्त कर ली गई है. इससे पहले दिल्ली की अदालत ने पेंटिंग जब्त करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने दिए पेंटिंग जब्त करने के निर्देश
शिकायतकर्ता द्वारा जांच अधिकारी को संबंधित पेंटिंग जब्त करने के निर्देश देने के लिए दायर आवेदन पर, अदालत ने सोमवार (20 जनवरी) को जांच अधिकारी को उक्त पेंटिंग जब्त करने और 22.01.2025 को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कल, अदालत ने जांच अधिकारी की ओर से दायर की गई एक्शन टेकेन रिपोर्ट पर भी विचार किया. अदालत ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, जांच अधिकारी ने पहले ही दिल्ली आर्ट गैलरी के सीसीटीवी फुटेज और एनवीआर को जब्त कर लिया है.
एटीआर में आगे कहा गया कि दिल्ली आर्ट गैलरी द्वारा पेंटिंग की एक सूची उपलब्ध कराई गई थी, जिसमें संबंधित पेंटिंग का उल्लेख है. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदर्शनी एक निजी स्थान पर आयोजित की गई थी और उक्त पेंटिंग केवल लेखकों/कलाकारों के मूल काम को प्रदर्शित करने के लिए थी.
सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने के निर्देश
18 दिसंबर को कोर्ट ने 22ए, विंडसर प्लेस, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में स्थित प्रदर्शनी गैलरी में लगे सभी कैमरों से सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने और संरक्षित करने के लिए दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया था. जांच अधिकारी को 04.12.2024 के दोपहर 12.00 बजे से 01.00 बजे के बीच के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने और 04.01.2025 को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था.
इस मामले में शिकायतकर्ता एक वकील अमिता सचदेवा हैं, जिन्होंने पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा था कि उन्होंने दिल्ली आर्ट गैलरी में आपत्तिजनक पेंटिंग की तस्वीरें खींची थीं और शिकायत भी दर्ज कराई थी.