दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बढ़ी फीस को लेकर छात्रों का बवाल जारी है. सोमवार को पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच भीषण झड़प हुई. छात्रों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की. वहीं जेएनयू में आज तीसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हुए. लेकिन छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन मंत्री दीक्षांत समारोह के साढ़े 4 घंटे बाद भी वह कैंपस के अंदर ही फंसे रहे. चूंकि अब तक जेएनयू के वाइस चांसलर प्रो एम जगदीश कुमार ने छात्रों से बात नहीं की है, लिहाजा प्रदर्शनकारी छात्रों ने हटने से मना कर दिया. छात्र प्रतिनिधियों ने मानव संसाधन मंत्री से बात की और उन्होंने कहा कि वे इस मसले को जरूर देखेंगे.
इस बातों पर भी खफा छात्र
जेएनयू में मचे बवाल के पीछे छात्रों का आक्रोश मुख्य तौर पर फीस बढ़ोतरी के खिलाफ है. छात्रों का आरोप है कि कुलपति प्रो एम जगदीश कुमार ने जेएनयू को पूरी तरह प्राइवेट करने की मंशा से हॉस्टल की फीस 3000 पर्सेंट तक बढ़ा दी है. पहले सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपये था अब बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है. पहले डबल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 10 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है.
पहले पानी-बिजली फ्री थी, अब इसके भी चार्ज लगाने की बात की जा रही है. साथ में सर्विस चार्ज 1700 रुपये महीना अलग से लेने की बात है. इसके अलावा जहां पहले मेस की सिक्योरिटी 5500 रुपये थी, जिसे अब इसे बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया गया है. बात सिर्फ फीस की ही नहीं है, 11 बजे रात के बाद हॉस्टल से बाहर निकलने पर भी पाबंदी है. हॉस्टल के टाइम को भी तय करने की कवायद की जा रही है. इसके अलावा हॉस्टल के लिए ड्रेस कोड लागू करने की बात भी है. 29 अक्टूबर को इस प्रस्ताव को हॉस्टल मैनेजमेंट कमेटी में पास करवाने के लिए लाया गया, तभी से छात्र विरोध कर रहे हैं.
#WATCH Delhi: Women police personnel push back girl students of JNU as the protest by Jawaharlal Nehru Students' Union (JNUSU), over different issues including fee hike, continues outside the university campus. pic.twitter.com/FahM7wi8VV
— ANI (@ANI) November 11, 2019
छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं. प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को जवानों ने टांगकर बस में बैठाया है. बाद में प्रदर्शन को बढ़ता देख छात्रों का खदेड़ने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. जेएनयू के छात्रों का कहना है कि जब उनकी फीस में कटौती की मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा तो उन्हें दीक्षांत समारोह मंजूर नहीं है. हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का मामला यूनिवर्सिटी में काफी आगे बढ़ चुका है और इसका कोई हल नहीं निकला जा रहा है.#WATCH Delhi: A scuffle between the police and protesting students breaks out, as the protest organised by Jawaharlal Nehru Students' Union (JNUSU) over different issues including fee hike, continues outside the university campus. pic.twitter.com/yOlezY9Rjx
— ANI (@ANI) November 11, 2019
क्या हैं जेएनयू के छात्रों की मांगें?
जेएनयू छात्र संघ की अगुवाई में सोमवार को दीक्षांत समारोह के दिन छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र संघ की मांग है कि फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया जाए. छात्र संघ ने छात्रों से अपील करते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटने और मार्च में शामिल होने के लिए कहा है. छात्र संघ का कहना है कि जब छात्रों का सस्ती शिक्षा नहीं मिल रही तो दीक्षांत समारोह की क्या जरूरत है. छात्रों की मांग है कि हॉस्टल में कोई सर्विस चार्ज ना लिया जाए, ना ही हॉस्टल में कोई ड्रेस कोड लागू किया जाए. इसके अलावा छात्रों की मांग है कि हॉस्टल में आने-जाने के टाइम की पाबंदी को खत्म किया जाए.
क्यों विरोध कर रहे हैं जेएनयू के छात्र?
दरअसल, यूनिवर्सिटी ने 23 अक्टूबर से जेएनयू कैंपस के गेट बंद करने का नया नियम लागू किया था. इसकी जानकारी अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग के डीन की ओर से मिले एक नोटिस के जरिए छात्रों को ये दी गई. इस नोटिस में रूम नंबर 16, कॉमन रूम्स और एसआईएस 1 व एसआईएस टू के मेन गेट को लेकर नया नियम लागू किया गया है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने प्रशासन पर कैंपस के गेट शाम छह बजे के बाद बंद करने के नए नियम पर विरोध जताया. AISA ने कहा कि कैंपस के गेटों को शाम छह बजे बंद कर देना आवाजाही की स्वतंत्रता को सीमित करना है.