दिल्ली वालों को आखिरकार कश्मीरी गेट आईएसबीटी नये अवतार में मिल गया है. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने तकरीबन 75 करोड़ की लागत से दोबारा बनाए गए आईएसबीटी की शुरुआत की. यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. हालांकि ये बस अड्डा तय समय से देरी से तैयार हुआ लेकिन इस मौके पर मौजूद इलाके के सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार के विकास मॉडल का डंका जमकर पीटा.
मौका बेशक जनता के पैसे से बने नए रूप में आईएसबीटी को पब्लिक के हाथों में ही सौंपने का है. लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेहतर सुविधाओं से लैस इस आईएसबीटी के बहाने विकास मॉडल का राग छिड़ गया है.
सियासत से थोड़ी फुरसत मिली तो आईएसबीटी को लोगों के हवाले करने की रस्म अदायगी कर दी गई. तकरीबन 75 करोड़ की लागत से बने इस कश्मीरी गेट बस अड्डे में कई सुविधाएं हैं. इस आईएसबीटी से हर रोज तकरीबन दो हजार बसें निकलती हैं तो दो लाख यात्री भी सफर करते हैं. इन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सेंट्रलाइज्ड एसी वेटिंग रुम बनाया गया है. बसों से जुड़ी जानकारी के लिए बड़े-बड़ें स्क्रीन लगाए गए हैं. सुरक्षा के लिए 92 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
सरकार का दावा है कि ये बस अड्डा सुविधाओं के मामले में एयर पोर्ट जैसा है. लेकिन सरकार की चिंता ये है कि ये चमक आखिरकार बरकरार कब तक रहेगी.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कहती हैं, ‘रख-रखाव एक बड़ी चुनौती होगी ताकि इसके लुक को बरकरार रखा जा सके.’
नए लुक को सरकार भले ही अपनी कामयाबी बता रही है, लेकिन आईएसबीटी की सूरत संवारने में वक्त तय 8 महीने की जगह दो साल का लगा. अब सरकार को डर ये है कि कहीं ये नई नवेली सूरत उम्मीद से जल्दी न बिगड़ जाए.