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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : जानें क्या है केजरीवाल सरकार की मुफ्त योगा क्लासेज प्रोग्राम, जिस पर मचा है राजनीतिक बवाल

दिल्ली सरकार ने तब कहा था कि ‘‘दिल्ली की योगशाला’’ प्रोग्राम को जारी रखने को लेकर अपनी तरफ से एलजी को मनाने का काफी प्रयास किया. 28 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी से मुलाकात की और हाथ जोड़कर योगा क्लास को जारी रहने देने की अपील की.

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अरविंद केजरीवाल-फाइल फोटो
अरविंद केजरीवाल-फाइल फोटो

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दिल्ली में राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. इधर अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर दिल्ली में योग क्लासेज बंद करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. तो वहीं दिल्ली भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान को अराजक करार दिया है. 

'योग क्लासेज़ बंद करवा दी गईं'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दो वर्ष पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली वालों के लिए फ्री योग क्लासेज़ शुरू की. लगभग 17,000 लोग प्रतिदिन इनमें योग करने लगे. पिछले वर्ष इन्होंने ये योग क्लासेज़ बंद करवा दीं. लोग बहुत दुःखी हुए. इस से किसका फ़ायदा हुआ? क्या इस तरह जन हितकारी कार्यक्रम बंद करने चाहिये?

आगे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे लिए तो योग दिवस उस दिन होगा जब मैं अपने दिल्ली वालों के लिए फिर से फ्री योग क्लासेज़ शुरू करूंगा. पर अच्छी नीयत हो तो भगवान भी साथ देते हैं. इन्होंने हमें दिल्ली में रोका, हमने पंजाब में फ्री योग क्लासेज़ शुरू कर दीं. मुझे ख़ुशी है पंजाब में इसे लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है.

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा का केजरीवाल पर हमला
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल के बयान का पलटवार करते हुए कहा है कि किसी भी शुभ अवसर पर विवादित बयान देना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है. दिल्ली के मुख्यमंत्री हमेशा यह बताने की कोशिश करते हैं कि उन्हें काम करने से रोका जाता है जबकि हकीकत यह है कि उन्हें अपने कार्य अराजक तरिके से करना होता है. केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू किए गए योगा क्लासेस सिर्फ योगा शिक्षकों की सैलरी ना देने की वजह से बंद किए गए जबकि केजरीवाल ने ही बयान दिया था कि अगर ज़रूरत पड़ी तो कटोरे लेकर घर -घर  जाकर भीख मांगूगा लेकिन योगा क्लासेस बंद नहीं होने दूंगा.

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साथ ही, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को कभी भी योग सिखाने के लिए किसी ने रोका नहीं है. उनसे तो हम खुद कहते हैं कि आप योगा क्लासेस लगवाइये लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार ने योगा क्लासेस को सिर्फ अपने प्रचार का हिस्सा मात्र बना रखा है. अगर उन्हें सच में योगा क्लासेज की चिंता होती तो योग शिशक रखने की प्रशासनिक स्वीकृति ले लेते लेकिन अरविंद केजरीवाल दिखावे की राजनीति करते हैं.

जानें क्या है केजरीवाल सरकार की मुफ़्त योगा क्लासेस प्रोग्राम, और इससे जुड़ा पुराना विवाद
साल 2022 के अंत में आम आदमी पार्टी सरकार ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में योगा क्लासेस को बीजेपी शासित केंद्र सरकार और एलजी ने बंद कर दिया है. हालांकि चंदे की मदद से इस योजना को दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई लेकिन यह सफल नहीं हो पाई. तब अरविंद केजरीवाल ने देशभर के लोगों से प्रशिक्षकों के वेतन का खर्चा उठाने की अपील की थी.

कोरोनावायरस से जूझ रहे लोगों को सेहतमंद बनाने के मकसद से साल 2021 में केजरीवाल सरकार ने फ्री योगा क्लासेस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को ‘दिल्ली की योगशाला’ नाम दिया गया था. इसके तहत दिल्ली के लोगों को निःशुल्क योग कराया जाता था, जिसमें प्रशिक्षित टीचर लोगों को योग करना सिखाते थे.

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दिल्ली सरकार ने तब कहा था कि ‘‘दिल्ली की योगशाला’’ प्रोग्राम को जारी रखने को लेकर अपनी तरफ से एलजी को मनाने का काफी प्रयास किया. 28 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी से मुलाकात की और हाथ जोड़कर योगा क्लास को जारी रहने देने की अपील की. मनीष सिसोदिया ने यह हवाला भी दिया कि योग कर रहे 17 हजार लोगों में से अधिकतर पोस्ट कोविड कॉम्प्लीकेशंस से प्रभावित हैं और उनको स्वस्थ रखना सरकार की जिम्मेदारी है. तब एलजी साहब ने आश्वासन अवश्व दिया था कि वे सारे पेपर को देखेंगे और कुछ भी गलत नहीं होने देंगे. इसके बावजूद योगशाला दोबारा शुरू नहीं हो पाई.

केजरीवाल सरकार ने दावा किया था कि 'दिल्ली की योगशाला' प्रोग्राम से पोस्ट-कोविड बीमारियों से जूझ रहे करीब 11 हजार लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं से उबरने में मदद मिली थी. कोरोना काल में दिल्ली की योगशाला के तहत ऑनलाइन योगा क्लासेज का आयोजन किया गया. उस दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे 4500 संक्रमितों को इससे फायदा हुआ. इनमें से 2,000 लोग तो ऐसे थे, जिन्हें बेहद गंभीर समस्याएं थी, लेकिन दिल्ली की योगशाला में क्लासेज लेने से इन लोगों को काफी फायदा हुआ.

दिल्ली सरकार 'दिल्ली की योगशाला' कार्यक्रम के तहत, जो लोग रोजाना योग व ध्यान करना चाहते हैं, उनको सरकार निःशुल्क प्रशिक्षित योगा ट्रेनर उपलब्ध कराती थी. दिल्ली भर में 590 से ज्यादा स्थानों पर 17 हजार से ज्यादा लोग योग कर रहे थे. सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योग साइंसेज (सीएमवाईएस) की स्थापना दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज और रिसर्च यूनिवर्सिटी के सहयोग से की गई थी. सीएमवाईएस ने डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए और इसके लिए 650 से अधिक छात्रों को नामांकित किया. इन छात्रों को योग प्रशिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया था. 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 21 जून 2022 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन प्रयोगशाला कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. कोरोना के दौरान योगा ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से आयोजित किया जाता था. दिल्ली सरकार इच्छुक लोगों के ग्रुप को योग कराने के लिए प्रशिक्षक उपलब्ध कराती थी. प्रत्येक समूह में कम से कम 25 सदस्य होते थे. योग प्रशिक्षक प्रत्येक ग्रुप के एक सदस्य के साथ समन्वय करता था, जिसे ग्रुप समन्वयक कहा जाता है. ग्रुप समन्वयक प्रशिक्षक के साथ संवाद कर योगा क्लासेज के लिए समय और स्थान तय करता था.

 

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