'रीठा', 'हल्दू', 'काला शीशम', 'खेजरी' ये उन पौधों के नाम हैं, जो कभी देश की राजधानी दिल्ली के पर्यावरण का हिस्सा थे. लेकिन बढ़ते शहरीकरण और विकास का खामियाजा कहीं ना कहीं दिल्ली की हरियाली यानी पेड़-पौधों को उठाना पड़ रहा है. इसके चलते दिल्ली में कई पौधे विलुप्त हो चुके हैं.
5 जून को पूरे शहर में जगह-जगह पर्यावरण दिवस मनाया गया. तुगलकाबाद बायो डाइवर्सिटी पार्क में पर्यावरण दिवस खास तरीके से मनाया गया. इस मौके पर विलुप्त हो चुके 20 पौधे लगाए गए. इस मौके पर तुगलकाबाद के सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोगों से वृक्षारोपण करके पर्यावरण को बचाने की अपील की.
रमेश ने बताया, '44 साल से हम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमारे सारे प्रयास नकारात्मक दिशा में गए, यहां आए लोगों से मेरी अपील है कि एक पौधा जरूर लगाए और मानसून तक उसमे रोज पानी डालें.'
वहीं पर्यावरणविद फैय्याज खुदसर ने कहा, 'तुगलकाबाद में आज का दिन खास है. यहां पर ज्यादातर कीकर के पेड़ हैं जो काफी नुकसान पहुंचाते हैं. यहां हमने 20 पौधे लगाए हैं और आने वाले 5 से 6 वर्षों में इस बायो डाइवर्सिटी पार्क की सूरत बदल जाएगी. साथ ही आसपास के गांव से आने वाला गंदा पानी यहां नाले में जमा हो रहा है, जिसे नीले हौज की तर्ज पर वेटलैंड के जरिए रिवाइव किया जाएगा.'