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ईस्ट दिल्ली सफाई संकट: गृह मंत्रालय SC को बताएगा कि ‘वो और फंड देने की स्थिति में नहीं’

केंद्रीय मंत्रालय ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से उत्पन्न संकट को हल करने के लिए फंड जारी करने की स्थिति में नहीं है. लिहाजा इस पर केंद्र सरकार SC में 22 अक्टूबर को जवाब दाखिल करेगी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (EDMC) के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से उत्पन्न संकट को हल करने के लिए फिलहाल फंड जारी करने की स्थिति में नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फंड नहीं जारी करने के लिए गृह मंत्रालय की खिंचाई की थी.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया- ‘मंत्रालय सारे वित्तीय संसाधनों और मौजूदा वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए इस स्थिति में फंड जारी करने की स्थिति में नहीं है.’  केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 22 अक्टूबर को जवाब दाखिल किया जाएगा जब इस मुद्दे पर अगली सुनवाई होगी. सूत्रों के मुताबिक सुनवाई में गृह मंत्रालय की ओर से अपने इसी रुख को रखा जाएगा.    

केंद्रीय सचिव अरुण कुमार सिंह की ओर से 5 अक्टूबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह को चिट्ठी लिखी गई. इंडिया टुडे की पहुंच में इस चिट्ठी की प्रति मौजूद है. चिट्ठी में लिखा गया है- दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT)  की सरकार को मौजूदा वर्ष के लिए 790 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता आवंटित की गई, जिसमें 325 करोड़ रुपए शामिल हैं जो केंद्रीय करों और शुल्कों के बदले में अनुदान के तौर पर पहले ही जारी किए जा चुके हैं.’

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चिट्ठी में लिखा गया है कि ‘‘सारे वित्तीय संसाधनों और मौजूदा वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार इस स्थिति में फंड जारी करने की स्थिति में नहीं है.’ चिट्ठी में लिखा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए भारत सरकार की ओर से बजटीय आवंटन सारे संसाधनों और वित्तीय स्थिति को देखते हुए किया जाता है.  

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच में केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में डेंगू से हुई मौत के अलग मामले में जवाब दाखिल किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इसमें वैधानिक प्रावधानों का हवाला दिया जाएगा कि दिल्ली के स्थानीय निकायों को दिल्ली सरकार की ओर से फंड जारी किया जाता है.

EDMC  को सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से विकट स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, वहीं BJP और AAP  पिछले कुछ अर्से से जुबानी जंग में उलझी हुई हैं. ये लड़ाई अदालत में भी पहुंच चुकी है. गृह मंत्रालय के अधिकारी अरविंद केजरीवाल सरकार पर चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट लागू करने में नाकाम रहने का ठीकरा फोड़ रहे हैं. ये रिपोर्ट  EDMC समेत दिल्ली के पांच स्थानीय निकायों को दिल्ली सरकार की ओर से फंड के आवंटन के संबंध में है.  

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, चौथे दिल्ली वित्त आयोग के लागू करने से EDMC को अतिरिक्त 1140.27 करोड़ रुपए मिलेंगे जिससे EDMC  के मौजूदा संकट को सुलझाया जा सकेगा. बता दें कि EDMC को सफाई कर्मचारियों को भत्तों का भुगतान ना होने से बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है.

सूत्रों ने कहा कि पांचवां दिल्ली वित्त आयोग भी पिछले साल अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है और अभी तक चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को ही अमल में नहीं लाया जा सका है.

दक्षिण दिल्ली और उत्तर दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की तुलना में EDMC  को फंड की भारी किल्लत का सामना है. केजरीवाल सरकार जहां केंद्र पर बोझ को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली वित्त आयोग पर मैंडेट नहीं है जो केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी है. केंद्र सरकार का कहना है कि वो पहले ही आवंटन कर चुकी है.

एक अधिकारी का कहना है, केंद्र पहले ही 16,000 करोड़ रुपए के बोझ में अपनी हिस्सेदारी उठा चुका है जिसका इस्तेमाल दिल्ली पुलिस, पेंशभोगियों को भुगतान और राज्य के विभिन्न खर्चों के लिए किया जा चुका है जबकि दिल्ली सरकार के पास सालाना 55,000 करोड़ रुपए का विशाल बजट है. यानि दिल्ली सरकार की ओर से अपने आवंटित बजट से ही मौजूदा संकट से अच्छी तरह निपटा जा सकता था.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 अप्रैल 2018 के अपने आदेश में भारत सरकार की इस दलील को सही माना था कि दिल्ली वित्त आयोग का भारत सरकार पर बंधन नहीं है. साथ ही दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि चौथे दिल्ली वित्त आयोग के मुताबिक EDMC और उत्तर दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC)  को 1 नवंबर 2017 से प्रभावी सारे भुगतान जारी किए जाएं. इस कदम से कर्मचारियों को वेतन, फंड, वित्तीय लाभ का भुगतान हो सका.

हाई कोर्ट ने यही आदेश 21 मई, 2018 को भी दोहराया. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. दिल्ली सरकार ने दलील दी कि जब तक केंद्र सरकार की ओर से कुछ और सिफारिशों को अमल में नहीं लाया जाता तब तक वो चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकती. 

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