राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर शनिवार को हाई बोल्टेज ड्रामा हुआ. दरअसल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी विधायकों के साथ बस मार्शलों की बहाली को लेकर कैबिनेट नोट सौंपने और उस पर मंजूरी के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय पहुंचीं थीं. आम आदमी पार्टी का कहना है बीजेपी विधायक सचिवालय से भागने लगे, लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उनके पैर पकड़कर रोका.
AAP ने कहा कि बस मार्शलों की बहाली के लिए बीजेपी विधायकों के सामने कैबिनेट नोट पास करने के बाद उस नोट को लेकर एलजी के पास सीएम आतिशी और आम आदमी पार्टी के मंत्री और विधायक गए. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने भागने का पूरा प्रयास किया लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज और AAP नेताओं ने उन्हें भागने नहीं दिया. AAP ने कहा कि CM आतिशी खुद BJP विधायक की गाड़ी में बैठकर LG हाउस इसलिए गईं, जिससे बीजेपी विधायकों को भगाने का कोई भी मौका ना मिले.
'बैठक CM के साथ थी फिर भी AAP के गुंडे'
एजेंसी के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "हम दिल्ली सचिवालय गए और दिल्ली के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. हमने (डीटीसी) बस मार्शलों की बहाली और नियमितीकरण की मांग की. इसके साथ ही, 10,790 लोगों (बस मार्शलों के लिए चुने गए) में कोई भी एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस नहीं था. इसलिए, उन्होंने (दिल्ली सरकार ने) कैबिनेट बैठक बुलाई, लेकिन उन्होंने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया."
उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. बैठक सीएम के साथ थी, फिर भी AAP के गुंडे वहां मौजूद थे. असामाजिक तत्व और AAP के विधायक वहां घुस आए और बैठक में बाधा डाली. बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने मेरे साथ हाथापाई की. मैंने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.