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दिल्ली दंगा मामले में आरोपी को अंतरिम जमानत, बहन की शादी में शामिल होने की मांगी थी मंजूरी

अदालत ने साल 2020 में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों से जुड़े एक आतंकी मामले में आरोपी व्यक्ति को अपनी बहन की शादी में शामिल होने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने आरोपी को 29 अक्टूबर से 5 नवंबर तक व्यक्तिगत बांड और 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है.

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The 2020 Delhi riots had calimed 53 lives. (File photo)
The 2020 Delhi riots had calimed 53 lives. (File photo)

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों से जुड़े UAPA मामले में आरोपी व्यक्ति को अपनी बहन की शादी में शामिल होने की अनुमति दे दी है. अदालत ने आरोपी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानतदार पेश करने पर आठ दिन की अंतरिम जमानत दी है. 

दिल्ली पुलिस द्वारा अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट मामले में आरोपी शादाब अहमद की जमानत याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने सुनवाई की. अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गांव में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 20 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी.

आरोपी को मई 2020 में किया गया था गिरफ्तार

18 अक्टूबर को पारित एक आदेश में अदालत ने कहा, "आवेदक को वर्तमान मामले में 20 मई, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है."

आवेदक ने पहले नियमित जमानत के लिए एक याचिका और अंतरिम जमानत के लिए एक और आवेदन दायर किया था, लेकिन इन दोनों आवेदनों को खारिज कर दिया गया था. आरोपी को 29 अक्टूबर से 5 नवंबर तक व्यक्तिगत बांड और 20 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के जमानतदार पेश करने पर जमानत दे दी.

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'अहमद है घर का बड़ा बेटा' 

अहमद की याचिका में कहा गया है कि परिवार का सबसे बड़ा बेटा होने के नाते शादी समारोह में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है और उनके पिता परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य और वरिष्ठ नागरिक है.

याचिका में आगे कहा गया कि उनका छोटा भाई एक छात्र है और उसके भागने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि उनका परिवार कई पीढ़ियों से अपने पैतृक गांव में रह रहा है.

अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया ने पुष्टि की कि शादी 2 नवंबर को थी, लेकिन तर्क दिया कि अहमद "दिल्ली का स्थायी निवासी नहीं है और उसकी "समाज में कोई जड़ें नहीं हैं."

कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी और पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन समेत बीस लोगों पर फरवरी, 2020 की हिंसा में उनकी कथित भूमिका के लिए UAPA और IPC की कई धारा के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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